________________ // ययौ // 43 // अन्यदा बंदिनां वक्ता-त्सा शुश्रावोज्ज्वखान् गुणान् // पध्नदेवकुमारस्य / | मारस्येव सुरूपिणः // 44 // अत्यंतमनुरक्ताभू-चस्मिन् हंसीव मानसे / / तत्प्राप्तिहेतवे नित्यं चरित्रं / नगरोद्यानवर्तिनीं // 45 // देवतां पूज्यामास / तं ध्यायन्नेव तिष्टति // तन्नक्तिरंजिताच ख्यौ / प्रत्यक्षीभूय देवता // 46 // युग्मं // वत्से तथा यतिष्येऽहं / यथा पद्मरथात्मजः // जावी पद्मपुरस्वामी / पद्मदेवो धवस्तव // 4 // विश्वस्ता तहचः श्रुत्वा / सा तस्थौ सुख शालिनी // अज्ञाततत्परीणाम-स्तां ददौ जनकोऽन्यदा // 4 // खनृत्यहरिदत्ताय / रूप|| सौचाग्यशालिने // सात्वा कन्यिका जज्ञे / मनस्यत्यंतःखिता // ४ए // चिंतया सा पि शाच्येव / बखिताभूहिसंस्थुला // कृशदेहाजवत्कृत-पके चंडकलेव च // 50 // शुष्यंती तां क्रमाद् ग्रीष्म-समये सरसीमिव // धात्री दृष्ट्वेति पप्रछ / वत्से किं दुःखमस्ति ते // | // 51 // कथंचित्कथयामास / सापि खानिमतं वरं // धात्र्योक्तं पूर्वमेवैत-छत्से नोक्तं कुतस्त्वया // 55 // परमद्याप्युपायं तं / करिष्येऽहं स्वबुद्धितः // पद्मदेवो यथा नर्ता / जवत्या जाविता सुते // 53 // ततः प्रबन्नमाकार्य / निजं विश्वासलाजनं // जनं प्रेषीत् दाणाद्धा . e maining P.P.AC. GunratnasuriM.S. Jun Gun Aaradhak Trust