________________ प्रत्येक . मित्यभूत्स सविस्मयः // 25 // युग्मं // तावदश्वेन तेनैव / नीयमानं नोंगणे // कुमारोऽप- श्यदात्मानं / कौतुकाकुलिताशयः // 26 // बहु व्योम समुलंध्यो-ततार तुरगो वने // कुचरित्रं मारश्च हयात्तस्मा-तुरगश्च तिरोहितः // 7 // दणांतरे कुमारेण / ददृशे तत्र तापसी // 154 हरंती तामसं तम्या ।.रवेरिव नवबविः // 27 // आगत्य सा कुमारस्य / संनिधावन्यधादिति // वत्स चित्रं न कार्य यत् / सर्व संजवति कितौ // शए // कृत्वानुग्रहमागबा-सन्नेऽस्मिन् देवमंदिरे // सर्वं व्यतिकरं यैन / कथयामि त्वदग्रतः // 30 // तया दर्शितमार्गोऽथ / धर्याश्चर्यप्रमोदजाक् // पदीप्ररत्नदीपाढयं / प्रासादं प्रविवेश सः // 31 // स्वर्णासनोपविष्टा तां / तापसी प्रणनाम सः // खयं चोपाविशत्तत्र / दत्तरनासनस्तया // 32 // तत्र मन्मथमूर्त्यग्रे / संयोजितकरांबुजां // राजहंसी कृतध्यानां / स ददर्श सितबदां // 33 ॥पप्रड तापसी केयं / मानवीव मरालिका // ध्यानं करोति देवाग्रे / तयोक्तं श्रूयतामिदं // 34 // तथाहि-पुरे जयपुरे राजा / जझे संग्रामसागरः // रूपेण सुंदरी राशी / तस्याभूजयसुंदरी // / // 35 // विजयस्लनयस्तस्या-स्खया जाताम्यदा सुता // सूतिरोगान्मृता माता। संजाता व | P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust