SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 900
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ IRDOSome Regdepe श्रीजयशेवग्यविचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम M oondodadapaddress ગુજરાતી - અને સુપાત્રે આપેલાં દૂધના દાનથી શુભ ભાવનાવાળા એવા તેઓ બન્ને હેમવત શોત્રમાં યુગલીયાં રૂપે ઉત્પણ છે . स.c५२॥ हिन्दी :- सुपात्रे दूध का जो दान दिया था, उसके प्रभाव से शुभभावनायुक्त वे दोनो हेमवंत क्षेत्र में युगलीया के रुप में उत्पन्न हुए // 952 // मराठी :- सत्पात्री केलेल्या दुग्यदानाच्या प्रभावाने शुभ भावाने वुक्त झालेले ते दोघेही (सरी व धन्य) हैमवत क्षेत्रात युगली म्हणून उत्पन्न झाले.॥९५२।। English :- Then just because they had offered the priest a pot-full of milk with a pure heart, they were reincarnated in the Hemvant Schetra. मृत्वा ततोऽपि ती स्वर्ग सुधर्माख्ये सुरोत्तमौ॥ जातौ जायापतित्वेन क्षीरडिण्डिरनामकौ // 15 // अन्यय: तौ मृत्वा तत: अपि सुधर्माख्ये स्वर्गे जायापतित्वेन क्षीरडिण्डिरनामको सुरोत्तमौ जातौ॥९५३॥ विवरणम:- तौभृत्वामरणं प्राप्य ततः हेमवतात क्षेत्रात सुधर्म:आख्यायस्य सः सुपर्माख्याः, तस्मिन् सुधर्माख्ये सुधर्मनाम्निस्वकी जायात पतिश्च जायापती जायापत्योःभाव:जायापतित्वं, तेन जायापतित्वेन यम्पतित्वेन क्षीरडिण्डिरौनामनी ययोः तो क्षीरडिण्डिमनामको सुरोत्तमौ सुरेषुउत्तमौ सुरोत्तमौ देवोत्तमौजातौ अंजायेताम् // 953 // सरलार्थ:- तो मृत्वा तत: हैमवतात क्षेत्रात् सुधर्मनाम्नि स्वर्ग जावापतित्वेन क्षीरहिण्डिनामको सुरोत्तमौ जातौ // 15 // ગજરાતી:- લાંથી જત પાણીને પણ તેઓ સીધર્મવિલોકમાં દીર અને વિડિરનામના દંપતી બે ઉતાબ દેવો થયા.૯૫૩ हिन्दी :- वहाँ से मृत्युपा कर वे दोनो सौधर्म देवलोक में क्षीर और डिण्डिर नामक दंपत्ती रूप में उत्तम देव हुए। // 953|| मराठी :- तेवून मृत्यु पादून ते दोये सौधर्म देवलोकात क्षार आणि हिण्डिर नावाचे पतीपत्नी रुपांने उत्तम देव झाले.॥१५॥ LF P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust
SR No.036462
Book TitleNal Damayanti Charitrayam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayshekharsuri, Sarvodaysagar
PublisherCharitraratna Foundation Charitable Trust
Publication Year
Total Pages915
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size93 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy