________________ ghargReadnesdarshaRepeate श्रीजयशेस्तरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम् wiriderstasexdeseservedrootag प्रेक्षामासे च तत्रस्थां, भैमी कुशलशालिनीम्॥ बिम्बं श्रीशान्तिनाथस्य, पूजयन्ती समाधिना // 378 // BEA अन्वय:- तत्रस्था कुशलशालिनी समाधिना श्रीशान्तिनाथस्य बिम्बं पूजयन्ती भैमी प्रेक्षामासे // 378 // विवरणम् :- तत्र तिष्ठति तत्रस्थ तां तत्रस्थां, कुशलेन शालतेऽसौ कुशलशालिनी तां कुशलशालिनी समाधिना आनन्देन श्रीमद शान्तिनाथस्य बिम्बं प्रतिमा पूजयन्ती अर्चयन्तीं भीमस्य अपत्यं स्त्री भैमी तां भैमी प्रेक्षामासे प्रेक्षत // 378 // F 5 सरलार्थ :- सार्थवाह: तत्रस्थां कुशलशालिनी समापिना श्री शान्तिनाथस्य प्रतिमां पूजयन्तीं तां दमयन्तीं प्रेक्षत // 378 // કે ગુજરાતી:- પછી સાર્થવાહે ત્યાં શ્રેમકુશળ, શાંતિપૂર્વક શ્રી શાંતિનાથ પ્રભુની પ્રતિમાનું પૂજન કરતી દમયંતીને દીઠી..૩૭૮ हिन्दी :- फिर सार्थवाह ने वहाँ पर सकुशल दमयंती को शांतिनाथ भगवान की प्रतिमा की शांतिपूर्वक पूजा करते हुए देखा // 378 // मराठी :-. नंतर तेथे क्षेम-कुशलपूर्वक विराजमान असलेली व शान्तिपूर्वक श्री शान्तिनाथ प्रभूच्या प्रतिमेची पूजा करीत असलेली दमयंती सार्थवाहाला दिसली. // 378 // 她開明明劣劣呢呢呢呢呢呢呢呢呢明明听“微 FFFFFees English :- The search-party thus seen Damyanti doing the puja of Lord Shantinath with atmost peace and contentment.