________________ MPSARANASANSARANAppreeze श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम् BASRPRANAMAHARASHeeroeleg 2. हिन्दी ... फिर वह दमयंती शांत हो-कर देखने के लिये खडी रही, इतने में कुत्ते जैसे डुक्करों के झुंड को घेर लेते हैं, उसी प्रकार - चोरोन उस सार्थवाह को चारों ओर से घेर लिया // 337 / / मराठी:- नंतर ती दमयंती शांत होऊन पैर्य धारण करते, तोच कुत्रे जसे हुकरांच्या टोळीला येरतात, त्याप्रमाणे चोरांनी पण त्या साला चारी बाजूंनी घेरले.||३३७|| English - Then as Damyanti kept her cool, she suddenly sew a band of robbers encircling and occluding the camp just as a group of wild dogs envirous a group of pigs 骗骗骗频频编听听听听听听YH器 कृतान्तदूतानिव तांश्चौरानालोक्य सार्थिकाः॥ नष्टुमप्यशकन्नैव, भयेन स्तम्भिता इव // 338 // : अन्वय :- सार्थिका)कृतान्तदूतान् इव तां चौरान् आलोक्य भयेन स्तम्भिता इव नष्टम् अपि न अशकन् // 338 // विवरणम् :- सार्थस्य इमे सार्थिकाः कृतान्तस्य मृत्योः दूताः इव इति उत्प्रेक्षायां कृतान्तदूताः तान् कृतान्तदूतान् इव तान् चौरान स्तेनान आलोक्य निरीक्ष्य भयेन स्तम्भिता इव नष्टुं पलायितुम् अपि न अशकन्न अशक्नुवन् // 338 // सरलार्य :- सार्थिका: यमस्य दूतान् इव तान् चौरान दृष्ट्वा भयेन स्तम्भिता इव पलायितुम् अपि न अशकन् / / 338 // ગજરાતી :- યમના દૂતો સરખા તે ચોરોને અને સાર્થના માણસો જાણે ભય વડે જડાઈ ગયા હોય તેમ ત્યાંથી બિલકુલ નાસી मानली.॥33८॥ हिन्दी :- यम के दूत समान उन चोरों को देखकर भय के कारण स्तंभित से हो कर वे सार्थ के आदमी वहाँ से भाग भी नहीं सके // 338 // मराठी:- सार्थातील माणसे यमदताप्रमाणे असलेल्या त्या चोरांना पाहन जण काव स्तम्भित झाले व तेथून पळूनही जाऊ शकले नाहीत. // 338 // ragyEEEEEEEEEEEEEE