________________ * marwestersNRNATARRAधीशयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलघमयन्तीचरित्रम् eBANBARABANERABAR ગજરાતી :- અથવા જીવ જેમ એકલો જ પોતાના કર્મોનાં ફળ ભોગવે છે, તેમાં હું પણ એકલો જ સેંકડો વિનોથી ભરેલા આ aning:मोनेलो.॥3000 हिन्दी.. अथवाजीव जैसे अकेला ही अपने कर्मों के फल भोगता है, वैसे ही मैं अकेला ही सेंकडो विघ्नो से भरे इस जंगल में रहकर दुःखो को भोगूंगा||३००। मराठी:- जीव जसा एकटाच आपल्या कर्माचे फळ भोगतो त्याप्रमाणे अनेक संकटांनी व्यापलेल्या या वनात मी एकटाच दःख भोगीन. // 300 A English:- Just as a soul has to alone bear up all the fruits of his/her own deeds in the smae way Nal decides to stay in the jungle and bear up the many obstacles and woes and anxieties. असौ पुनर्ममावेशं दृष्ट्वा लिखितमश्चले। स्वजनावासमासाद्य, देवीव सुखमेधताम् // 301 // अन्वय:- असौ पुन: अञ्चले लिखितं मम आदेशं दृष्ट्वा स्वजनावासम् आसाध देवी इव सुखम् एधताम्॥ विवरणम् :- असौ दमयन्ती पुन: अचले लिखितं मम आदेशम् आज्ञां दृष्ट्वा अवलोक्य निरीक्ष्य स्वस्य जना: स्वजना: स्वजनानाम् आवास: स्वजनावास: तं स्वजनावासम् पितृगृहम् आसाध प्राप्य देवी इव सुखम् एषतां वर्धताम् // अनुभवतु।।३०१॥ पद सरलार्य :- असौ दमवन्ती पुन: अश्वले लिखितं मम आज्ञां निरीक्ष्य स्वजनावासं प्राप्य देवी इव सुखं वर्षताम् / / 301| પ ગુજરાતી :- અને આ દમયંતી તો તેના વચને છેડે લખેલી મારી આશાને જોઈને પોતાના પિયરે જઈને દેવીની પેઠે ભલે સુખ. लोग.॥30॥ हिन्दी:- और दमयंती अपने वस्त्र के पालव पर लिखी हुई मेरी आज्ञा को देखकर अपने मायके जाकर देवीसमान सुख का भोग करे मराठी:- पण ही दमयंती तिच्या पदरावर लिहिलेला माझा आदेश पाह्न, आपल्या माहेरी जाऊन देवीप्रमाणे सुख भोगो. // 301 // thamasantasangasles s uesdouses 270 udasRORABARISRORISRORISSASANAADAMISHRA -