________________ HTTETीमितुशिविरचित श्रीनामाकरिता E TE ગુજરાતી - આ પર્વત પર પૂજા સમયે તમારા મુખથી મારું નામ સાંભળીને પૂર્વભવન વૃત્તાના સ્મરણ કરી મારું ચિત્ત ઘણું પ્રસન્ન થયું, અને મેં વિચાર્યું કે 191 हिन्दी :- इस पर्वत के ऊपर पूजा के समय तुम्हारे मुँह से मेरा नाम सुनकर मुझे पूर्वभव का वृत्तान्त याद आया और मेरा चित्त बहुत प्रसन्न हुआ और फिर मैंने सोचा कि,॥९॥ aagyapan चित्त प्रसन्न झाले आणि मग मी विचार केला की,॥९१|| English :- On the mountain, when Samudra was performing the puja, Nag happened to hear his name being repeated. He then recollected his past life and its happenings. He was thus filled with feelings of bliss and tranquillity. .' .. साध्विदम् विदधे हेव - द्रव्यं यद्देवपूजने। व्ययितं तत् किमप्यस्य,सान्निध्यम् विवधेऽधुना // 12 // विवरणम:- यद इदं देवद्रव्यं त्वया देवस्य पूजनं देवपूजनं तस्मिन येवपूजने देवार्चने व्यथितं व्ययीकृतम् एवम् साधु विवधे चक्रे / तत् तस्मात्कारणात् अधुना अस्य किमपि सान्निध्यमहं विदधे कुर्वे // 12 // * सरलार्य:- देवद्रव्यं देवपूजने व्यक्तिमिदं साधु विदथे। अत: अहमस्य किमपि सामिप्यं विदये // 9 // ગુજરાતી:- (મેં વિચાર્યું કે, આ રાજાએ દેવપૂજમાં દેવદ્રવ્યનો વ્યય કર્યો તે ઘણું જ સારું કર્યું, માટે એને હવે કાંઇક સહાયકારી G.nein हिन्दी:- इस राजाने देवपूजा में ही देवद्रव्य काखर्च किया है यह बहुत ही अच्छा किया है और इसलिये मैं उसे किसी न किसी प्रकार से सहायक बनूं॥९२॥ P.P.AC.Gunrainasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust