________________ भावार्थ-ते राजाए त्रीशमे दिवसे ब्राह्म मुहूर्ता पोतानी आगळे पगला मात्र प्रमाणवाली चार कोबरा वर्ण| नी बिलाडी जोइ // 225 // ब्रह्मादिहत्या एतास्ता, क्षीयन्ते तपसो बलात् / अनुमीयेति स प्राग्वद, विधेऽथाऽष्टमाष्टकम् // 226 // भावार्थ-" में पूर्व भानुना भवमा करेली ब्राह्मण विगैरेनी हत्याभो तपस्याना प्रभावी क्षीण थी जायन छ” ए प्रमाणे पूर्वनी जेम अनुमान करी आठ अहम कर्या // 226 // - तदन्ते कालमात्रास्ता, वीक्षिता धूसराः पुनः / / ... मत्वा तथैव ताः प्राग्व-चकार ददामानि षट् // 227 // भावार्थ-आठ अहमने छेडे ब्राह्म मुहूर्तपां कोयळना परिमाणवाळी धूसर वर्णनी चार बिलाडी || जोइ, त्यारे पण पूर्वनी जेम 'ब्रह्महत्यादि हत्याओ क्षीण थती. जाय छे' ए प्रमाणे मानी नॉभाक राजाए छ चारउपवास कर्या // 227 // .' - तत्वान्ते मूषिकामात्रा, दृष्टास्ता धवलाः पुनः। ... -- ततो विशेषतो. हृष्ट-श्चक्रे छादशपञ्चकम् // 228 / / . .. Filप्रांतीक्षा Deadekura ईजीत साक शाखासंग्रह असिख का....... पहली भीमा Fougmgeer P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Sun Aaradhak Trust