________________ गण चरित्र. PPA Gunnanasuti MS EXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX वाद्यपूजा कृता येन, फलं तस्य निगद्यते // कमलापुरमित्याख्यं, पुरमस्ति मनोहरम् श्व६ . जेणे वाद्यपूजा करी छे, तेनुं फल कहेवाय छे. कमलापुर ए नामर्नु मनोहर नगर छे. // 246 // कीर्तिचंशे नृपस्तत्र, कोर्तिनिर्जितचंश्माः // प्रिया यशोमतोतस्य, यशस्तर्जितमल्लिकाः // तनुजो धनदत्तस्य, धर्मस्तत्कुदिमागतः॥ दोहदावसरे तस्या, दोहदोडयमनूदिति // 4 // त्यां कीर्तिथो चंद्रने पण जीतनारो कीर्तिचंद्र राजा राज्य करतो हतो, तेने यशथी मल्लिकाने पण जीतनारी यशोमात नामनी स्त्री हती. // 247 // हवे धनदत्त शेठनो पुत्र धर्म यशोमतिना नदरमां आव्यो एटले दोहदना अवसरे तेने एवो दोहद उत्पन्न थयो के.॥२४८ / / सा जानाति समारुह्य, मृगारातिं महोत्कटम् // अनाहतेषु वाद्येषु, नदत्सु व्योमवर्त्मनि श्वाए सन्नूपा सपरिवारा, पौरलोकैर्विलोकिता // करोमि नगरे चैत्यपरिपाटीमहं मुदा // 25 // ते एम जाणवा लागी के,“म्होटा उत्कट सिंह उपर वेमी अने आकाशमां अखंडित वाजित्रो वाग्ये छते | राजा अने परिवार सहित तेमज नगरवासी लोकोथी जोवायलो हुं हर्षथी नगरमां चैयपरिपाटी करूं. 249-250 अनेनापूर्यमाणेन, दोहदेन कृशामिमाम् // सखीनिः पृश्नयामास, नूपतिस्तन्मनोरथम् // * झाते दोहदवृत्तांते, भूकांतेन मनीषिणः // मंत्रिणः प्रोचिरे कश्चिायः क्रियतां जुतम् 252 __ नहि पूर्ण श्रयेला आ दोहदे करीने दुर्बळ थयेलो यशोमतिने राजाए दासीयो पासे तेनो मनारेथ पूछाव्यो. // 25 // राजाए दोहदनी वात जाणीने बुद्धिवंत एवा मंत्रीयोने कह्यु के, "झट कांड उपाय करोके.।२५२॥ येन प्रपूर्यते देव्या, दोहदो हृदये स्थितः॥ अन्यथा सा कथाशेषा दिनैःस्तोकैर्नविष्यति 353 मंत्रिणः कथयामासुरन्योपायो न कश्चन // दर्शयन्निः परं लोनं, दाप्यते पट्टहं पुरे // 25 // जेणे करीने देवीना मनमा रहेलो दोहद पूर्ण कराय. नहितो थोडा दिवसमां ते मृत्यु पामशे. // 253 // .मंत्रीयोए कह्यु. " महाराज ! वीजो काइ उपाय नथी, परंतु लोभ देखामीने नगरमा पट्टह वगडावीये. // 25 // Jun Gun Asrachak Trust // 9 //