________________ 78915 सान्वय द्विपृष्ट चरित्रं भापांतर // 21 // // 21 // B%ESSॐॐ || सरखी (श्याम) कांतिवाळा पुत्रने जन्म आप्पा. // 69 // सुतोत्पत्तिं कथयता दानमानन्दितो ददत् / रचयामास न ब्रह्मा भेदमाद्यान्तयोरपि // 70 // ___ अन्वयः-आनंदितः ब्रह्मा सुत उत्पत्तिं कथयतां दानं ददत् आद्य अंतयोः अपि भेदं न रचयामास. // 70 // अर्थः-आनंद पामेला ते ब्रह्माराजाए पुत्रनो जन्म कहेनारा मनुष्योने दान आपतथिका पेहेला अने आ छेल्ला पुत्रवच्चे (कई पण) भिन्नपणु कयु नही. // 70 // नित्योत्सवानपि सुरानुत्सवेनापि लोभयन् / सूनोढिपृष्ठ इत्याख्यां सत्यामदित भूपतिः // 71 // _ अन्वयः-नित्य उत्सवान् अपि सुरान् उत्सवेन लोभयन् भूपतिः मूनोः द्विपृष्ठ इति सत्यां आख्यां अदित. // 71 // अर्थ:-हमेशा उत्सववाळा एवा पण देवोने महोत्सवथी ललचावता एवा ते ब्रह्माराजाए ते पुत्रनुं "द्विपृष्ठ" ए, सत्य नाम पाडयु. अवर्धत स धात्रीभिः पुष्यमाणो यथाक्रमम / नमस्क्रियाभिर्धमों वा पञ्चभिः परमेष्टिनाम् // 72 // अन्वयः-परमेष्टिनां नमस्क्रियाभिः धर्मः वा पंचभिः धात्रीभिः पुष्यमाणः सः यथाक्रम अवर्धत. // 72 // अर्थः-पंच परमेष्टिना नमस्कारथी धर्मनीपेठे पांच धावमाताओवडे पोपातो ते द्विपृष्ठ पण अनुक्रमे वृद्धि पामवा लाग्यो. // 72 // मध्ये दशानां धात्रीणां तौ क्रीडन्तो विरेजतुः / दिशामिव निशाधीशदिनाधीशौ वरोदयौ // 73 // ____अन्वयः-वर उदयौ निशा अधीश दिन अधीशौ दिशां इव, तौ दशानां धात्रीणां मध्ये क्रीडतौ विरेजतुः // 73 // BRESSER P.P.AC.Gunvanasun M.S. Jun Gun Aaradhak Trust