________________ धर्मः | कम्मपयईस / / ए४ // रिकिपबंधबंधुर-विमाणमालाहिवत्तणं सुरं // पाल अखलियपसरं / सुर लोए किर सुरिंदोवि // 45 // तंपि असेसं जाणसु / सम्मं सप्वावगगजविहियस्स // पंचनमो. कारारा-हणस्स लीलाश्यलवोत्ति // 6 // इत्यादि. स चायं पंचनमस्कारनामा महामंत्रः ॐ नमो अरिहंताएं' इत्यादि. ' ध्यातव्योऽयं त्वया जड / सन्मंत्रः शुचिना सदा // येनेप्सितार्थसंसिधि-र्जायते ते निरंतर // ए // मह्यमपि त्वया भद्र / म्रियमाणाय सादरं // देयोऽयं निकटस्थेन / कर्णाभ्यणे स्फुटादार // 7 // तथा नो मम विद्यते / हे विद्ये पाठसिधिके // एकाकाशगमा नाना / हितीया बहुरू पिणी // ए // तदेते वे वरे विद्ये / गृहाण मम तुष्टये / / स्थातव्यं च ममाभ्यणे / दिनानां पं. चकं त्वया // 10 // ततस्तथेति तहाक्यं / कुमारः प्रतिपन्नवान् // अय योऽप्युवाचेदं / सुरते. जाः कुमारकं // 1 // खस्थाने संति मे भूरि-बांधवाः स्नेहनिर्जराः // समायातोऽत्र. तेनाह-मेका क्येव मुमूर्षया // 2 // अनाख्यायैव बंधूनां / समाध्यर्थ वराचले // तदहो कुरु साहाय्य-मसहाय| स्य सांप्रतं // 3 // नमस्कारप्रदानेन / ममोत्पादय निर्वृति // कुमारेणापि तद्दाक्यं / तथैव च प्र. P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust