________________ धर्मः सादेशसुषणा // 1 // सुमनः संघसंयुक्ता / मेरुचूलेव सुंदरा // सुप्रतिष्टा सुवर्णोंघ-धारिका शर्मकारिका // 2 // युग्मं // जितशत्रुमहाराज-स्तस्यामासीनरोत्तमः / / समृवोदग्रसत्कोः / प्र. जापालनतत्परः // 3 // सम्मतः सर्वकार्येषु / तस्यासोच्च पुरोहितः // काश्यपाह्वः सदाचारो / गु. 354 णाधारो गुणिप्रियः // 4 // चतुर्दशमहाविद्या-स्थानसागरपारगः // राझा वितीर्णसवृत्तिः / स वृत्तः पावणेदुवत् // 5 // युग्मं / भार्या तस्य यशानाम्नी / विशालादी मनःप्रिया // कपिलाह्वस्तयोः पुत्रः / संजज्ञे कांतलोचनः // 6 // बालत्वे वर्तमानस्य | कपिलस्य स काश्यपः // विधेः खबंदकारित्वा-पंचत्वं समुपागतः / / 7 / / नुजा तत्पदं दत्तं / तदन्यस्मै दिजन्मने // ततोऽसावश्वमारूढ / श्रातपत्रविराजितः // 7 // एति गबति सानंदं / सदलंकारधारकः // यशाया गृहपा र्थाच्च / परिवारयुतः सदा // 7 // अन्यदा तं तदा ऋध्या / व्रजंतं तं पुरोहितं // प्रत्यासन्नं स्वगे. हस्य / समालोक्य यशा ततः // 10 // ऋतपूर्वी निजां स्फीतिं / स्मृत्वारोदीत्सुदुःखिता। कपिले. न ततः स्पृष्टा / मातः किं शोककारणं // 11 // सापि सर्व खवृत्तांतं / कपिलाय न्यवेदयत् // स | प्राह किं न मे दत्तं / पदं पैञ्यं महीभुजा / / 15 // तयोक्तं पुत्र सदिया-ही नैस्तमन्यते न हि PP.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust