________________ धम्मिः // 15 // इति शोकाकुला पुत्र-दयमादाय साचलत् / / सरितं च पुरोऽद्रादी-दात्तमूर्तिमिवापदां / / // 16 // तदाकस्माद् घने वृष्टे / जनकात्प्राप्य पर्वतात् // कमलौघं महेलेव / यानृत्यलहरी जैः / / // 17 // अस्याः पिता स्थिरः शैलः / प्रियो रनाकरो महान // तथापि चपला वा / किं ही ना. 62 हमिवासकौ // 10 // ध्यात्वेति सरितस्तीरे // बालमेकं मुमोच सा // द्वितीय पाणिनादाय / स्व. यमंतर्विवेश च // 15 // अस्खलचरणस्तस्या / अंतर्नदीशलातले // तद् दृष्ट्वा तीरगो बालो। ली, एवामां बागळ मूर्तिवंत यापदासरखी एक नदीने तेणीए जो. // 16 // ते वखते पितापा. सेथी धननो समुह मेलवीने जेम स्त्री तेम अकस्मात वरसाद थवाथी पर्वतमांथी जलनो समुह मेलवीने ते नदी मोजांनरूपी हाथोथी नाचवा लागी. // 17 // थानो पिता स्थिर एवो पर्वत , तथा महान रत्नाकर गार , तोपण अरेरे! या नदी मारीपेठे शुं चपल अने वक्र नथी? // 17 // एम विचारीने तेणीए एक बाळकने नदीकिनारे मुक्यो, अने बीजाने हायमा लेख्ने पोते नदीमा प्रवेश को. // 15 // एवामां नदीमा रहेला पत्थरपरथी तेणीनो पग लपसी गयो, ते जोड्ने किनारापर रहेलो बालक नदीना जलमां मुबी गयो. // 20 // जलप्रवाहना धसाराने P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust