________________ धम्मि| वारिणि मेऽशमत // 55 // तन्मे स्वांगपरिष्वंग-सुधास्वादप्रसादतः // अतिथेस्तथ्यमातिथ्यं / / विचार समाचर // 56 // तामीहग्स्नेहलालापां / स दाक्षिण्यैकदीक्षितः // गांधर्वेण विवाहेन / विवाह्यांकमुपानयत् / / 57 // एवं हात्रिंशतादारैः / / स रेजे पाणिपीमनैः // श्लोकोऽदारैर्मुखं दंतैः। | पुरुषो लदणैखि // 50 // नोगान सोऽभुंक्त कांतानिः / समं तानिरनारतं / / पक्कीमाणफलानीव / / तपःकटपमहीरुहः // एए // कमला पद्मनानाख्यं / लक्ष्मीकेलिनिकेतनं / समये सुषुवे सूनुं / रीरना थालिंगनरूप अमृतनो स्वाद चखाडीने मारी अतिथिनी खरी परोणागत करो? // 56 // एवी रीतना स्नेहयुक्त वचनोवाळी एवी तेणीने दाविणतामां कुशल एवा ते धम्मिले गांधर्व विवा. हथी परणीने पोताना खोळामां बेशामी. // 27 // एवी रीते बत्रीश कन्यानने परणीने अक्षरो. थी जेम श्लोक, दांतोथी जेम मुख, तथा लदाणोथी जेम पुरुष तेम ते धम्मिल शोजवा लाग्यो. // 7 // ते स्त्रीननी साथे तपरूपी कल्पवृदानां पाकेलां फलोसरखा लोगोने ते निरंतर नोगव. वा लाग्यो. // 55 // पजी केटलेक समये तलावमी जेम कमलने तेम लदमीने क्रीडा करवाना घरसरखा पद्मनान नामना पुत्रने कमलाए जन्म आप्यो. // 60 // लीलासहित गतिवानो, धैर्यः | PP.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust