________________ धाम्म | // 34 // कोकासे निहते ज्ञात्वा / कुमारमरणं नृपः // साधयन्निधनं शोका-रिपमुदबिनत मा // 35 // यथारिदमनो राजा / यथा वा तौ नृपांगजौ // विनंदयसि तथा स्वैरा-चारात्त्वमपि नं. दिनि // 36 // 654 कलाकौशलसौजाग्य-रूपश्रीशूरतादियुक // वद त्वं कोविदे तत्ति / न्यूनो येनैष ध. म्मिलः // 37 // एतावद्गुणसंपूर्णः / सारदेहो द्विधापि हि // यद्यसावपि ते नेष्ट-स्तदिष्टः को ज वखते ते कमलाकार चक्र संकोचा गयु, अने तेथी नमराजनीपेठे बूमो पाडता ते सघला कुमारो मरण पाम्या. // 34 // हवे कोक्कासने मार्याबाद कुमारोनुं पण मृत्यु थये जाणीने ते राजाए शोकथी आपघात करतांयकां ते शत्रु एवा अरिदमन राजाने पण मारी नाख्यो. // 35 // माटे हे पुत्री! जेम अरिदमन राजा अथवा जेम ते बने राजपुत्रो तेम तुं पण स्वेडाचारथी ना. श पामीश. // 36 // वळी आ धम्मिल कलाकौशल्य, सौगाग्य, रूप, लक्ष्मी तथा शौर्यबादिक गुणोवाळो बे, तो | हे. चतुर पुत्री: तुं कहे के था धम्मिलमा हवे शुं न्यूनपणुं रहेधुं बे? // 37 // पाटला गुणोथी / PP.AC. Gunratnasuri M.S: Jun Gun Aaradhak Trust