________________ धम्मि- दी / नदीनह्रदयः पुरः // 24 // युक्तिझो योक्त्रमुत्तार्य / तटे तस्या अनातुरः // तुरगौ वारि त.. स्वारि / सोऽध्वश्रांतावपीप्यत // 55 // स पद्मस्पर्धया प्रात-र्जातलोचनपाटवः // कन्याममेय लावण्यां / तां दृष्ट्वा मुमुदे भृशं // 16 // अंतराले वर्तमान / मुनिगार्हस्थ्यवेषयोः // सा तु तं | जीषणाकारं / वीदय खिन्नेत्यवोचत // 27 // अर्कोझतस्थूलकेशो / निम्नीनृतादिगोलकः // लंब. ग्रीवः कृशः क्लीवः / सूर्पाकारनखक्रमः // 27 // कुधा दामोदरः दीण-कटीवस्यत्पटच्चरः // निर्माः नारो सूर्य उदय पाम्यो. // 53 // एवामां आनंदित हृदयवाळा ते धम्मिले भेट करेल ने अनेक विकस्वर कमलोनी सुगंध जेणे एवी एक नदीने अगामीना नागमां दीठी. // 24 // पजी युक्तिः ने जाणनारा ते गंजीर धम्मिले ते नदीने किनारे जोतर छोमीने मार्गमां चालवाथी थाकेला घोमाजने तृषा निवारनारं जल पायु. // 55 // हवे कमलनी स्पर्धाथी प्रजाते अांखो खुल्याबाद ते धम्मिल अत्यंत लावण्यवाळी ते कन्याने जोश्ने घणो खुशी थयो. // 26 // पजी मुनि शने गृहस्थना वेषनी वच्चे रहेला जयंकर थाकारवाळा ते धम्मिलने जोश्ने खेद पामेली ते कन्या बो. ली के, // 27 // अरे माता! बरधा नगेला जाडा केशवाळो, नीचा थयेला यांखोना मोळावा. P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust