________________ धाम्मः // हरिणेव हरिस्तेन / सह योधुं प्रचक्रमे / / ए० // अजय्यं तं परिझाय / स्वशस्त्रैश्चतुरो रथी।। | संझीप्सुर्विषमात्रेण / रथाग्रेऽस्थापयस्त्रियां // ए१ // तस्यां लावण्यवाहिन्या-मस्य मीनीनवदृशः | // तीदणधीस्तीदणबाणेन / विव्याध हृदयं रथी // 2 // बंधौ ज्यायसि कीनाश-पुरीपांथत्वमीयु. .453 वि॥ अनेशाम वयं तस्या-नुजाः पमपि कातराः // 13 // ततः प्राप्ता गृहं नासा-रूढश्वासाः क. थंचन // अवाधिष्महि ाचा-कंबया वयमंवया // 4 // रे निर्लजा निजत्रातु-Cतकेऽ. गवणीमा रहेला निलोने हरावीने ते सुन्नट सिंहसाथे जेम सिंह तेम ते अर्जुनसाथे लडवा लाग्यो. // 70 // पछी पोताना शस्त्रोथी ते अर्जुनने जीतवो मुश्केल जाणीने ते सुनटे तेने कामदेवना शस्त्रथी जीतवानी हाथी पोतानी स्त्रीने रथना श्रगामी नागमां बेसाडी. // 1 // लावण्यनी नदीसरखी एवी ते स्त्रीमां ज्यारे ते अर्जुननी आंखो मत्स्यजेवी थर गश्, त्यारे ते तीक्ष्ण बुध्विाळा सुनटे तीदण बाणथी तेनुं हृदयं वांधी नाख्यु. // 55 // एवी रीते अमारो मो. टोना ज्यारे यमपुरीने मार्गे पड्यो त्यारे श्रमो तेना गए नाना नाश्न मरीने त्यांथी नाशी गया. // ए३ // पजी क नाके चडेला श्वासवाळा यमो केटलीक मुश्केलीए घेर पहोंच्या. त्यां P.P.AC.Gunratnasurn.M.S. Jun Gun Aaradhak Trust