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________________ (98) अभाव नोकर्मसौं, भिन्न सरूप विवेक है। सरधान आन दुख दान सव, यानत अनुभौ निहचै अरु विवहार, ताल दो हाथन बाजै।" दरवतने परजाय, सौंठ गुड़ मारत भाजै (2) . उदै उद्यमी भाव, दोय कर मथ घी लहिये। ग्यान क्रियासौं मोख, पंग अँध मिलि पथ गहिरी इमि स्यादवाद नै समझकै, तत्त्वज्ञान निहचै किया यानत सोई ग्याता पुरुष, बाहर मन अंतर दिया भोग रोगसे देखि, जोग उपयोग बढ़ायौ। आन भाव दुख दान, ग्यानको ध्यान लगायौ।।. सकलप विकलप अलप, बहुत सब ही तजि दी। आनंदकंद सुभाव, परम समतारस भीनें // द्यानत अनादि भ्रमवासना, नास कुविद्या मिट गई, अंतर वाहर निरमल फटक, झटक दसा ऐसी भई ___ पंचभेद धर्मवर्णन / एक दया उर धरौ, करौ हिंसा कछु नाहीं / जति श्रावक आचरौ, मरौ मति अव्रतमाहीं // रतनत्रै अनुसरौ, हरौ मिथ्यात अँधेरा। दसलच्छन गुन वरौ, तरौ दुख-नीर सवेरा // इक सुद्ध भाव जल घट भरौ, डरौ न सु-पर-विचारमैं। _ए धर्म पंच पालौ नरौ, परौ न फिरि संसारमैं // 11 // सचा साधु / - सोई साँचौ साध, व्याध भै नाहीं जाकैं। सोई साँचौ साध, आध व्यापै ना ताकै सोई साँचौ साध, वाध लाहेकौं जाने / सोई साँचौ साध, लाध आपो भौ भान // सोई जोगी भोगी नहीं, ताहीकी ल्यौ लाइए / सोई ग्याता ध्याता वही, सोई साता पाइए॥१२॥ छप्पय (सर्व लघु)। सदय हृदय नित रहत, कहत नहिं असत वचन मुख / दत अनदत नहिं गहत, चहत नहि छिन मनमथ-सुख / सब परिगह परिहरत, करत थिर मन वच तन तिय / दुख सुख अरि मित जनम, मरन सम लखत हरख हिय॥ सहत सुवल धर परिसह सरव, दरव अमल पद मन धरत / तजि थविरकलप जिनकलप तनि, धनि मुनिवर सिवतिय वरत // 13 // दयाविचार / अंगहीन धन भी न, लीन बहु रोग लोग हुव / जीवभाव परभाव, चहै जीवन न मरन धुव // तीन लोकको राज लेय, नवि देय प्रान छिन / यह विचार मनमाहिं, राजकौं हरै मोह विन // ऐसे प्यारे निज प्रानको, दान समान सु दान नहिं / तप सील भाव सब ही रहैं, सुखसौं करुना ग्यान महि१४ सुरग राग व्रत नाहिं, नरक अति दुखी भयंकर / पसु विवेक नहिं रंच, मनुष तप विरत जयंकर // सो तैं नरभौ पाय, कियौ परमारथ कछु ना। .. नाम तिहारौ बड़ौ, राय चेतन पर चछु ना // जिनधर्म रसायन पायकै, जिन अपना कारज किया। सोधन्य पुरुष संसारमैं,तिन ही नर-लाहा लिया॥१५॥ Scanned with CamScanner
SR No.035338
Book TitleDhamvilas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDyantrai Kavi
PublisherJain Granthratna Karyalay
Publication Year1914
Total Pages143
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size61 MB
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