________________ परिशिष्ट 3 अवन्ति पार्श्वनाथ प्रतिष्ठा विषयक तीर्थ ट्रस्ट द्वारा जवाब अलि पानाखाय नम रजिन, 24/77 श्री अवन्ति पार्श्वनाथ तीर्थ जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक मारवाड़ी समाज ट्रस्ट कालिय। 7. शांतिलाबजी मंदिर की गली, मोटा सराफा, उज्जैन (म.प्र.) फोन-0734-2555553,2585854 ट्रस्ट के अंतर्गत दिनांक : 122130 2019 श्री अति पाश्र्वनाथ तीर्य फोन-0734-2585854 पूज्य तपागच्छाधिपति आचार्य श्री मनोहरकीर्तिसागररिजी म. पूज्य गाविपत्ति आचार्य श्री विजयहेमचन्द्रसूरिजी म. पूज्य गामधिपति आचार्य श्री विजयजयघोषमुरिजी मपूज्य गणाधिपति आचार्य श्री विजयामयदेवरारिजी मपूज्य गच्छाधिपति आचार्य श्री दौलतसागररिजी म. विषय- अवन्ति तीर्थ के संदर्भ में संकाओं का निराकरण श्रीशांतिनाथजी मंदिर छोटासराफा फोन-2555553 श्री अजितनाबजी मंदिर छोटा सराफा श्री आदिश्वरजी सीर्थ एवं सिद्धाचल पड़ भद्रबाहु मार्ग, बड़नगर रोड श्रीखरतरगच्छाचार्य जिनदत्तकुशलसूरि दादावाड़ी छोटा सराफा लिखी उज्जैन से श्री अवन्ति पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक मारवाडी समाज ट्रस्ट का विधिसहित वंदना स्वीकार करे। आपत्री का ता. 10 फरवरी 2019 का पत्र श्रीमान् राकेशजी मारवाडी द्वारा हमें मिला। निश्चित ही कुछ लोगों द्वारा व्यर्थ ही अत्यन्त झूठी व तथ्यहीन खबरें आपनी को दी गई है। आप द्वारा लिखे गये समस्त बिन्दुओं पर श्री राकेशजी मारवाडी आदि तपागच्छ संघ के आगेवान आवकों के साथ प्रत्यक्ष में विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने जिनमंदिर का पूरा अवलोकन किया। उन्होंने अपनी पूर्ण संतुष्टि जाहिर की। 1. आपने अपने पत्र में लिखा है कि दोनों प्रतिमाएँ तपा. आ. सेनरारिजी द्वारा प्रतिष्ठित है व प्रतिमाओं पर उनका नाम है। हम आपत्री से निवेदन करना चाहते है कि प्रतिमाजी पर वि.सं. 1486 का शिलालेख है। यह काल आचार्य सेनसूरिजी म. से पूर्व का है। इन प्रतिमाओं पर अंकित शिलालेख के संदर्भ में निवेदन है कि आपश्री अपने विश्वस्त प्रतिनिधि को भिजवावे व पूरी जांच कराये। 2. आपश्री की जानकारी के लिये हम निवेदन करना चाहते हैं कि श्री अवन्ति तीर्थ की व्यवस्था वर्षों से हमारा मारवाडी समाज ट्रस्ट सुव्यवस्थित शास्त्रप्रणालिका के अनुसार करता आया है। यह ट्रस्ट सन् 1977 में पंजीकृत है। यह ट्रस्ट किसी एक गच्छ का नहीं है। इसमें खरतरगच्छ, तपागच्छ, त्रिस्तुतिक और स्थानकवासी मान्यता वाले शामिल हैं। __3. इस तीर्थ का संपूर्ण जीर्णोद्धार पूज्य गुरुदेव वर्तमान गच्छाधिपति कराने का निर्णय ट्रस्ट की साधारण सभा में लिया गया था। तदनुसार पिछले 11 वर्षों से उनके शास्त्रशुद्ध मार्गदर्शन के अनुसार कार्य गतिमान है, जिसकी जानकारी यहाँ के प्रत्येक श्रावक को है। श्री चरणापादुका छत्री नीलगंगा भी जिनकुशलसूरि दादावाड़ी एवं घण्टाकर्ण महावीर मंदिर नीगेट PRODOOOOOOOOOOOOO 6666666666666666660 0000000000000000 600000000000000