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________________ नेमिनाथ-श्रीकृष्ण समकित : आज मैं तुमको बाईसवें तीर्थंकर नेमिनाथ और नौवें नारायण श्री कृष्ण की कहानी सुनाने वाला हूँ। ध्यान से सुनना। प्रवेश : नारायण किसे कहते हैं ? समकित : नारायण ऐसे सम्राट' को कहते है जिसका राज्य आधे भरत क्षेत्र पर होता है जो कि बहुत बड़ा क्षेत्र है। नारायण की आज्ञा में सोलह हजार राजा राज्य करते हैं और सोलह हजार ही नारायण की रानियाँ होती हैं। वह सुदर्शन चक्र जैसी अनेक विभूतियों का मालिक होता है। प्रवेश : और तीर्थंकर की विभूति ? समकित : तीर्थंकर की विभूति से तो किसी और की विभूति की तुलना ही नहीं की जा सकती। वह तो सबसे महान विभूतियों के धारक होते हैं। प्रवेश : क्या ये दोनों सगे भाई थे ? समकित : नहीं, यह दोनों चचेरे भाई थे। राजकुमार नेमिनाथ के पिता महाराजा समुद्रविजय और श्रीकृष्ण के पिता श्री वसुदेव सगे भाई थे। प्रवेश : राजकुमार नेमिनाथ के पिता कहाँ के राजा थे ? समकित : वे शौर्यपुर के राजा थे। उनकी पत्नी महारानी शिवादेवी के गर्भ से राजकुमार नेमिनाथ का जन्म हुआ था जिनको अरिष्ट-नेमि नाम से भी जाना जाता है। @ : YT +TY Tar TY NUT i 3 f f ? समकित : हाँ, क्यों नहीं होगी। दोनों ही चचेरे भाई, दोनों ही शूरवीर। लेकिन जहाँ श्रीकृष्ण राज-पाट, घर-परिवार के कामों में अत्यंत व्यस्त" थे, वहीं राजकुमार नेमिनाथ संसार-शरीर-भोगों से बहुत विरक्त थे। 1.emperor 2.area 3.command 4.splendours 5.comparision 6.owner 7.real 8.cousin 9. brave 10.kingdom 11.busy 12.detatched
SR No.035325
Book TitleSamkit Pravesh - Jain Siddhanto ki Sugam Vivechana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangalvardhini Punit Jain
PublisherMangalvardhini Foundation
Publication Year2019
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size117 MB
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