________________ प्रतिक्रमण प्रतिक्रमण के सामान्य-स्वरूप' की चर्चा तो हम पिछले पाठ में ही कर चुके हैं। अब हमें प्रतिक्रमण के भेदों की चर्चा करनी है। प्रतिक्रमण के भेद अनेक आधारों पर किये गये हैं। जैसे1. पात्र (प्रतिक्रमण करने वाले) के आधार पर 2. निक्षेप के आधार पर 3. समय के आधार पर 4. प्रयोजन के आधार पर प्रवेश : एक-एक करके समझाईये न। समकित : ठीक है ! 1. पात्र के आधार पर प्रतिक्रमण के भेदः अ) यति प्रतिक्रमणः मुनि (आचार्य, उपाध्याय, साधु) के द्वारा किया जाने वाला प्रतिक्रमण। ब) श्रावक प्रतिक्रमणः श्रावक के द्वारा किया जाने वाला प्रतिक्रमण। 2. निक्षेप (नाम, स्थापना, द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव) के आधार पर प्रतिक्रमण के भेदः अ) नाम प्रतिक्रमणः गंदे नामों के उच्चारण के लिये प्रतिक्रमण कर प्रत्याख्यान करना। ब) स्थापना प्रतिक्रमणः रागी-द्वेषी और अल्पज्ञ देवी-देवता की प्रतिमा आदि की विनय हो जाने या फिर वीतरागी और सर्वज्ञ जिनेद्र देव की प्रतिमा आदि की अविनय हो जाने पर प्रतिक्रमण कर प्रत्याखयान करना। 1.general-aspect 2.basis 3.purpose 4.pronounciation 5.honour 6.dishonour