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________________ सिद्ध-सारस्वत can his 75th birthday celebration, I wish him all the best and pray the Lord of seven hills, to bloss slim with very long life and strenth to do still many more acadimic works in the developmant of Sanskrit Language and literature. ____Dr. T.S. Giriprakash MA. Ph.D. (Retd.) Professor of telugu and chair person kamarj University, Madurai, Tamilnadu सर्वविदुषामभिनन्दनीयाः विद्वद्वरेण्य-जैनविद्यावारिधिपारङ्गातानां प्रो. सुदर्शनलालजैनमहाभागानां पञ्चाधिकसप्ततितमे जन्मदिवसे हार्दिकमभिनन्दनं समर्प्यते - ये प्राकृते त्रिदशवाचि च समं नदीष्णाः, देशस्य राष्ट्रपतिनाऽपि पुरस्कृताश्च। मान्याः सुहृद्धरसुदर्शनलालजैनाः, ते सन्ति सर्वविदुषामभिनन्दनीयाः।। प्रो. दामोदर शास्त्री अध्यक्ष, प्राच्यविद्या एवं भाषा विभाग, जैन विश्वभारती (मान्यविश्वविद्यालय), लाडनूं एक विलक्षण व्यक्तित्व प्रो. सुदर्शनलाल का अभिनन्दन सम्मान। करता विद्वद् समाज है, इस मिस स्व-सम्मान / / सुन्दर आकर्षक व्यक्तित्व है, और है कृतित्व भी महान। शीर्ष विद्वानों में है गिनती आपकी, अनुपम है पहचान / / प्रो. सुदर्शन ने किया प्राकृत वाङ्मय को खूब समृद्ध। किया जैन-भारती कोष को, है यह जगत प्रसिद्ध / / साहित्य-मनीषी आप हैं, दर्शन-मनीषी भी आप। अक्षर-प्रज्ञ भी आप हैं, अक्षय-निधि हैं अमाप।। शोध-समीक्षक आप हैं, कवि-मनीषी भी आप। वक्ता और व्याख्याता आप हैं, साहित्य के सिरताज।। सम्पादक, लेखक, वक्ता, प्रवक्ता विद्वानों में शीर्ष सुदर्शन। मेधावी, गुणशील, मनस्वी, वर्चस्वी, विद्यातीर्थ ऋजुल निदर्शन।। धर्मनिष्ठ, कर्मविज्ञानी, श्रावकवर्य, करुण सुज्ञान। महामैत्र, माध्यस्थ-प्रमोदी सज्जनता के विभु वरदान।। देव-शास्त्र-गुरु के परम आराधक, स्वस्तिकर, पुरुषार्थी प्रमेय गुणवान्। मुनिगण-प्रिय, महामनीषी, शान्त, प्रियदर्शी, सुधीवरेण्य, धीर मतिमान्।। हे अग्रज। राष्ट्रपति-पुरस्कृत, प्रज्ञापुरुष, कीर्तिस्वरनन्दन। अमितकीर्ति मंजला-निवासी, कीर्तिपुरुष, सनातन वन्दन अभिनन्दन।। मम मन बगिया है तुमसे नन्दन। अभिनन्दन हर पल अभिनन्दन / / प्रो. पी.सी. जैन मानद डायरेक्टर, इंस्टीट्यूट ऑफ हायर स्टडी एवं रिसर्च, जयपुर 59
SR No.035323
Book TitleSiddha Saraswat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanlal Jain
PublisherAbhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year2019
Total Pages490
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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