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________________ सिद्ध-सारस्वत पी-एच.डी. कपरने के बाद एच.पी. कम्पनी में सर्विस की पश्चात् अन्यत्र कार्य करते हुए सिस्को कम्पनी में कार्यरत है जहाँ वह सीनियर मैनेजर की पोजीशन में है। कई पेपर उसके पेटेन्ट हुए। इस समय अमेरिका में साराटोगा, केलिफोर्निया में रह रहा है अपने परिवार के साथ। बहुत हिम्मती और खुद्दार है। धर्म प्रेमी, संस्कारवान्, मातृ-पितृ भक्त है। उसकी शादी वारासिवनी, बालाघाट (म.प्र.) निवासी अर्चना (जन्म 15.04.1969) के साथ हुई। शादी के बाद वह भी अमेरिका अपने पति के पास चली गई। वहाँ अपने पति की सेवा के साथ हिन्दी और धर्म पढ़ाने का कार्य किया। पेंटिंग उसकी हावी है और कुछ पेंटिंग पेन्टेन्ट भी है। धार्मिक और सामाजिक एवं व्यवहार कुशल है। उसकी दो सन्ताने हैं कु. अर्चिता और कु. स्वस्ति / अर्चिता (जन्म 05.05.1997) इस समय वास्टन कम्यूटर से पोस्ट ग्रेजुएसन कर चुकी है। अंग्रेजी हिन्दी स्पेनिश भाषाओं का ज्ञान है। कई पुरस्कार मिल चुके हैं। फुटवाल और शोध में रुचि है। औरतों के स्वास्थ्य संबंधी प्रोजेक्ट पेटेन्ट है। स्वस्ति (जन्म 02.03.2004, सेन जोसे) इस समय कक्षा नवमी की छात्रा है। भरतनाट्यम में पुरस्कार मिला है। दो प्रोजेक्ट पेटेंट हैं। हिन्दी अंग्रेजी के साथ फ्रैंच भी जानती है। गाना एवं डांस में रुचि (2) श्री संजय कुमार जैन - (जन्म 30.08.1970, वाराणसी) बी.एच.यू., वाराणसी से एम.सी.ए. परीक्षापास की है। इस समय अमेरिका में सिस्को कम्पनी में सीनियर प्रिंसपल साफ्टवेयर इंजिनीयर है। इसके पूर्व टी.सी.एस पूना में तथा टी.आई.एफ.आर. मुम्बई में नोवेल तथा मोटोरोला में कार्य किया। स्पोर्ट्स और कुकिंग में हावी है। दो पेटेन्ट हैं। आरती पीडियाट्रिक अस्पताल में को-ओनर है। इसका विवाह दिनांक 27.11.1996 में डॉ. आरती (जन्म 14.10.1970) के साथ हुआ। आरती ने इलिनाय विश्वविद्यालय सिकागो से एम.एड. करके ओस्की पीडिएटिक्स में पार्टटाइम काम किया पश्चात् 2014 में स्वयं का अस्पताल खोल दिया। हिन्दी, अंग्रेजी के साथ तेलगू भाषा का ज्ञान है। भरतनाट्यम् में विशेषज्ञता है। उसकी दो सन्ताने हैं कु. संजिता और कु. संस्कृति। संजिता (जन्म 30.04.1999) सान्ताक्लेरा, यू.एस.) बायोकेमिस्ट्री और मोलेक्युलर बायोलाजी विषय लेकर कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से बेचलर्स की पढाई कर रही है। किताबें पढ़ना, बेकिंग, कुकिंग और कुचीपुडी नृत्य में विशेष रुचि है। दूसरी पुत्री संस्कृति (जन्म 09.08.2006, डेनवर यू.एस.) इस सम.य लासन स्कूल में सातवीं कक्षा में पढ़ रही है। जिम्नास्टिक, नृत्य और बास्केटबाल में विशेष रुचि है। नृत्य में पुरस्कार भी मिले हैं। (3) श्री अभिषेक कुमार जैन - (जन्म 03.03.1978, वाराणसी) इस समय मुंबई में महेन्द्रा एण्ड महेन्द्रा कम्पनी में बिजनिस हेड (फाइनेन्स) है। बी.एच.यू. से एम.बी.ए. करने के बाद सर्वप्रथम माता इन्स्योरेन्स कम्पनी में पश्चात् एमबिट कम्पनी में काम किया। दिनांक 02.12.2009 में इसकी शादी नीलू (जन्म 05.09.1981, रांची) जैन के साथ हुई जो उस समय एम.बी.ए. करके सुन्दरम् कम्पनी में कार्य कर रही थी। इस समय बहू नील जैन भी महेन्द्रा एण्ड महेन्द्रा कम्पनी के म्युचुअल फंड में एरिया मैनेजर है। इसी एक अनिष्का (जन्म 21.03.2013, मुम्बई) नाम की कन्या है जो कक्षा एक में मुम्बई में पढ़ रही है। (4) डॉ. मनीषा जैन - (जन्म 15.07.1974, देवरी) ने ग्रान्ट मेडिकल कालेज से एम.बी.बी.एस. करने के बाद डी.जी.ओ. तथा डी.एन.बी. किया। कुछ वर्षों तक पीपुल्स मेडिकल कालेज में काम करने के बाद आज विदिशा (म.प्र.) के सरकारी मेडिकल कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर है। सिका विवाह 02.12.2001 में बच्चों के सर्जन डॉ. अजय जैन (जन्म 27.03.1971, भोपाल) के साथ किया गया। इसकी दो सन्ताने हैं - अञ्जलि और सृष्टि। अञ्जलि (जन्म 10.04.2004, वाराणसी) इस समय कक्षा दसवीं में है। तथा सृष्टि (जन्म 06.01.2006, भोपाल) कक्षा सातवीं में। दोनों पढ़ने में बहुत तेज हैं। हमेशा कक्षा में प्रथम-द्वितीय रहती हैं। डांस में रुचि है। कई पुरस्कार मिल चुके हैं। मेरे माता-पिता की जीवन यात्रा मेरे पिता श्री मास्टर सिद्धेलाल जैन, बड़कुल का जन्म वि. सं. 1961 में फाल्गुन सुदी अष्टमी के दिन (4 अक्टूबर 1905) को हुआ था। यह जैनियों के महापर्व अष्टाह्निक का प्रथम दिन था। आपके पिताजी श्री जगन्नाथ प्रसाद को मीठा बहुत पसन्द था तथा वे परोपकार स्वभावी थे। एक बार गाँव में प्लेग की बीमारी फैल गई तब आप एक बीमार व्यक्ति को इलाज हेतु घोड़े पर बैठाकर शहर ले जा रहे थे कि आपको भी प्लेग ने जकड़ लिया। फलस्वरूप उस व्यक्ति के साथ मेरे दादाजी का भी सन् 1911 में स्वर्गवास हो गया। उस समय (दादा जी की मृत्यु के समय) हमारे पिता जी की आयु मात्र 5-6 वर्ष थी। हमारी दादी प्यारीबाई बहुत ज्यादा सोला करती थीं। धार्मिक क्रियाओं का बहुत दृढ़ता से पालन करती थीं। 132
SR No.035323
Book TitleSiddha Saraswat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanlal Jain
PublisherAbhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year2019
Total Pages490
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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