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________________ सिद्ध-सारस्वत श्री जगन्नाथ प्रसाद के द्वितीय पुत्र का नाम था श्री सिद्धेलाल जैन (पत्नी सरस्वती)। इनकी 7 सन्तानें हुई। एक गर्भ में ही माँ सरस्वती के साथ वि. सं. 2000 में स्वर्गस्थ हो गई। दो कन्यायें जन्म के बाद शीघ्र ही स्वर्ग सिधार गई। तीन पुत्रियाँ और एक पुत्र 4 सन्तानें जीवित रहीं- त्रिशला (पति सिं. रूपचन्द्र खमरिया), शान्ति (पति सिं. दीपचन्द रहली), ललिता (पति सिं. देवचन्द नेता जी, पाटन) और सुदर्शनलाल (पत्नी मनोरमा)। इनमें से आज दो बहिनों का स्वर्गवास हो गया है-श्रीमती त्रिशला (3.6.2012 में) तथा श्रीमती ललिता (फरवरी 1995 में) तीनों दामाद भी आज जीवित नहीं स्व.श्रीमती त्रिशला जैन की 6 (4+2) संताने हैं- सन्तोष (पत्नी सुशीला), नन्दनलाल (पत्नी स्व. शशी), उत्तम (पत्नी मुन्नी), पवन (पत्नी मीना), गुल्ली (पति महेन्द्र दमोह) तथा बेबी उर्फ ममता (पति सुभाष ,जबलपुर)। सन्तोष की कोई संतान नहीं है। नन्दन मास्टर की 3 (1+2) तीन संतानें हैं- सिद्धार्थ उर्फ गोल्डी (पत्नी शेफाली), शिखा (पति संदीप) और निशा (पति सुदेश)। उत्तम की 3 (2+1) संतानें है -सोनू उर्फ अभिषेक (पत्नी शिल्पी), सौरभ (पत्नी प्रियंका) और समीक्षा (पति अंकुर)। पवन 3 (2+1) संताने हैं-पंकज, प्रिंस और मोना। श्रीमती शान्ति जैन की 6 (2+4) संतानें हैं-विनोद (पत्नी पुष्पा), अव्वी उर्फ सुशील (पत्नी सुनीता), गुड्डो उर्फ सुलोचना (पति हुकमचंद्र, पथरिया), मुन्नी उर्फ सरोज (पति कमल सराफ, पथरिया) मणि (पति-महेन्द्र, देवरी) और मीना उर्फ ज्योति (विवाह नहीं कराया आर्यिका सम्भवमति बनी, सङ्घस्थ आर्यिका विज्ञानमति। दीक्षा ली सन् 2000 दीपावली के दिन, शिखरजी में)। शान्ति के पति की पूर्व पत्नी से 2 कन्यायें थीं -बड़ी बिन्ना (सागर) और क्रान्ति। स्व. श्रीमती ललिता जैन की चार सन्तानें हैं-सरोज (पति मुलायम, शहपुरा भिटौनी), स्व. ओंकार (पत्नी समता), स्व. मानक (पत्नी उषा), प्रमोद (पत्नी वर्षा), सुबोध (पत्नी-राजुल)। प्रमोद की 2 संतानें हैं- पारस उर्फ प्रसून तथा पलक उर्फ सौम्या। इनकी पाटन में पलक गैस एजेन्सी है और जबलपुर निवासी बन गए हैं। ललिता के ससुर स्व. सिं. श्री अमीरचन्द जैन 10 प्रतिमाधारी तथा बहुत शान्त परिणामी थे। डॉ. सुदर्शनलाल जैन की 4 (तीन पुत्र और एक पुत्री) सन्तानें हैं- डॉ. संदीप (पत्नी-अर्चना), संजय (पत्नी डॉ. आरती), अभिषेक (पत्नी-नीलू) तथा डॉ. मनीषा (पति डॉ. अजय जैन)। संदीप की दो कन्यायें हैं- अर्चिता और स्वस्ति। संजय की भी दो कन्यायें हैं- संजिता और संस्कृति / अभिषेक की एक कन्या है- अनिष्का। मनीषा की दो कन्यायें हैं- अंजलि और सृष्टि। सभी पढ़ रही हैं। सुदर्शन का परिवार निम्न प्रकार हैबहुयें - अर्चना, डॉ. आरती, नीलू, फूफा - ब्रजलाल बड़कुल, बुआ - सुन्दरी बाई, मामा - भागचन्द, मामी - सुमतरानी, मौसी - कस्तूरी, नानी- नाम ज्ञात नहीं नाना - मूलचन्द, बहनोई - सिं. स्व. रूपचंद, स्व. सिं. दीपचंद और स्व. श्री देवचन्द। बहिनें - स्व. श्रीमती त्रिशला, श्रीमती शान्ति, स्व. श्रीमती ललिता। चाचा - माधवप्रसाद, उर्फ प्रभाचन्द्र नातिनें - अंजलि, सृष्टि पोतियाँ - अर्चिता, संजिता, स्वस्ति, संस्कृति, अनिष्का पापा - स्व. श्री सिद्धेलाल मास्टर माँ - स्व. श्रीमती सरस्वती देवी दादा - जगन्नाथ प्रसाद दादी - स्व. श्रीमती प्यारी बाई भानेज - सन्तोष, नन्दन, उत्तम, पवन, विनोद, सुशील, स्व. ओंकार, स्व. मानक, प्रमोद, सुबोध 130
SR No.035323
Book TitleSiddha Saraswat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanlal Jain
PublisherAbhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year2019
Total Pages490
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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