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मारकाट मची गुजरांवाला, संघ आन फंसा संकट में था । चारित्र बल से रक्षा कोनी, प्रभावक वल्लभ सूरि ने ॥७॥ जिन प्रतिमा साधु साध्वियाँ, श्रावक श्राविका मंडल को । पहुंचाया सुरक्षित भारत, प्रभावक वल्लभ सूरि ने ||5|| संयम अरु त्याग तपस्या बल, पंजाब केशरी पद सार्थक | गुरू चमत्कार कई बतलाया, प्रभावक वल्लभ सूरि ने ||९|| महिलाओं पर अति जुल्म हुए पाकिस्तां के भू भागों पर । पतिताओं का उद्धार किया प्रभावक वल्लभ सूरि ने ||१०|| सादा रहना सादा चलना, सादा भोजन का बतलाया । स्वधर्मी भक्ति बोध दिया, प्रभावक वल्लभ सूरि ने ॥११॥ शुद्ध देव गुरू अरु धर्म तत्व, श्री सद्गुरु ने बतलाया था । जिन शासन मार्ग बताया था, प्रभावक वल्लभ सूरि ने ||१२|| सवी जीव करू शासन रसी, इसी भाव दया मन उल्लसी ।
पालन करना सिखलाया था, प्रभावक वल्लभ सूरि ने ||१३|| जलस्थल गिरि नम प्रतिभा चमकी, मस्तक जाज्वल्यमान वस्तु | दीपाया वीर प्रभु शासन, प्रभावक वल्लभ सूरि ने ||१४|| आतम वल्लभ समुद्र समां, गुरूऋषभ प्राणाधार बना । सुख अक्षय को अक्षत पूजा, प्रभावक वल्लभ सूरि ने ||१५||
( काव्यम् )
भवि जीव बोधक, तत्व शोधक, जिन मताम्बुज विजय वल्लभ, युग प्रधान सूरीश्वरम् ॥
भास्करम् ।
जगत् वल्लभ
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