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वह कविता कविता नहीं, वह पद्य पद्य नहीं जिनको सुनकर सुनने वालों पर किंचित् मात्र भी असर न हो। कविता से विश्व में आज तक बड़े-बड़े काम हुए हैं जिनके आज भी अनेक प्रमाण पाये जाते हैं। पुराने जमाने में भाट, चारण आदि अपनी कविताओं द्वारा वीरों में वीरता का संचार करते थे
और महात्मा लोग अपनी कविताओं द्वारा जन-साधारण को भक्ति मार्ग की ओर ले जाते थे व ले जाते हैं।
गद्य की अपेक्षा जन-साधारण पर पद्य का प्रभाव ज्यादा पड़ता है। जो मनुष्य कभी पुस्तकें हाथ से छते तक नहीं, वे लोग भी प्रभु गुण कीतन में या काव्य रचित पूजाओं को सुनने या गाने में सहर्ष एकत्रित होते हैं और उनका उनके मन पर स्थायी असर पड़ता है। ___ मर्मस्पर्शी काव्य सुन्दर सङ्गीत के यन्त्रों के साथ गाये जाते हों तब आत्मा में एक विचित्र आनन्द अनुभव होता है और एक अन्य ही परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है, ऐसे शब्द चित्र
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