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जैनधर्म की विशेष सम्पत्ति
भ० महावीर का कल्याण-माग
डा० श्री राधाकृष्णन् जी
डा० श्री राजेन्द्रप्रसाद जी
मैं अपने को धन्य मानता हूँ कि मुझे महावीर स्वामी के प्रदेश में रहने का सौभाग्य मिला है। अहिंसा जैनों की विशेष सम्पत्ति है। जगत के अन्य किसी भी धर्म में अहिंसा सिद्धान्त का प्रतिपादन इतनी सफलता से नहीं मिलता। -अनेकान्त वर्ष ६, पृ० ३६।
यदि मानवता को विनाश से बचाना है और कल्याण के मार्ग पर चलना है तो भगवान महावीर के सन्देश को और उनके बताये हुए मार्ग को ग्रहण किये बिना और कोई रास्ता नहीं।
-शान्तिदूत महावीर, पृ०३०
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