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________________ ऐतिहासिक काल के कुछ जैन सेनापति "The JAINS used to enlist themselves in Army and distinguished on the battle-fields." - Dr. Altekar : Rastrakuta & Their Times. जैनधर्मी होने का प्रमाण इसी ग्रन्थ का पृ० ३६१ जम्बूस्वामी चरित्र वीर, वर्ष ११, पृ० ६८ Anekant Vol. II. P. 104 and Jain S. Bhaskar Vol. 17, P. I. वीर, वर्ष ११, पृ० ६८ इसी ग्रन्थ का पृ० ४५५ | दि० जैन, वर्ष ६, पृ० ७२ B Rice, Ep. Car. Inser. Sr. P. 85 & SHJK and Heroes, PP. 96-100.. Guirenot J. B. No. 431. Vir XI P. 70 सेनापति १ - सिंहभद्र २- जम्बूकुमार शिशुनागवंशी बिम्बसार नन्दवंशी नन्दीवर्द्धन ३- कल्पक मौर्यवंशी सम्राट् चन्द्रगुप्त कदम्बावंशी राजे ४- चाणक्य ५- मृगेश ६–दुर्गराज ७- नागवर्मा ११- गङ्गराज १२- हुल्ल १३- शान्त १४ - रविमय्य १५- बैचप्प १६- इरुगप्पा "" ६ - महादेव १०- विजय ८- चामुण्डराय गङ्गावंशी रात्रमल एक्ल द्वि० "" राष्ट्रकूट इन्द्र तृ० १७- कुलचन्द्र १८ - बिमलशाह किस राजा के ? वैशाली के चेटक १६- श्राभू २० वस्तुपाल २१ - तेजपात चालुक्य श्रम्प द्वि० २३ - प्रशाशाह २४ - भामाशाह २५- कोठारीजी २६ - इन्द्राज जगदेकमल्ल द्वि० "" Ep. Ind. X, PP. 149 - 150. होय्सलवंशीय विष्णुवर्द्धन Ep. Car. II 118. P. 48-49. नरसिंह प्र० Saletore. Loc. Cit. 141-142. जैन शिलालेख संग्रह, "" सोमेश्वर बल्लाल "" "" विजयनगर के हरिहर द्वि० इसी ग्रन्थ का पृ० ४२७ 55 "" परमारवंशी सम्राट् भोज सोलङ्की भीम प्र० C सोलङ्की भीमदेव द्वि० बघेल वंशी धवल 59 "" २२-दयालदास महाराणा राजसिंह महाराणा उदयसिंह महाराणा प्रतापसिंह महाराणा संग्रामसिंह अजमेर के विजयसिंह ני ני हद "" Reu. loc. cit Vol. 1. P. 115-121 and Ball, loc. cit P. 207. माधुरी २ फरवरी १६३६ हमारा पतन पृ० १४०-१४२ सं. जै. इ. भा. २खं २ पृ. १३७ "" 35 रा.पू. के जैनवीरोंका इ. ट ११३ "" पृष्ठ ६० इसी ग्रन्थ का पृ. ४३०-४३१ पृ० ४३१-४३२ "" हमारा पतन, पृ० १३७ [ ५०७ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035297
Book TitleVardhaman Mahavir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambardas Jain
PublisherDigambardas Jain
Publication Year
Total Pages550
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size134 MB
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