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असली प्राचीन वेद और पुराण तथा कुछ एतिहासिक ग्रन्थ हमें प्राप्त नहीं हो सके, इसलिये उनके उद्धरण न्यायतीर्थ पंडित ईश्वरीलाल जी विशारद के 'मांसाहार विचार', पं. मक्खनलाल जी के 'वेद-पुराणादि ग्रन्थों में जैनधर्म का अस्तित्व', प्रो० ऐस. आर. शर्मा के 'Jainism & Karnataka Culture', मुनि चौथमल जी के 'भगवान महावीर का आदर्श जीवन' तथा प्रो० ए० चक्रवर्ती, पं० नाथूराम 'प्रेमी', पं० जुगलकिशोर मुख्तार, श्रीकामताप्रसाद, डायरेक्टर वर्ल्ड जैन मिशन, पं.सुमेरचन्द दिवाकर पं० कैलाशचन्द्र शास्त्री. पं० अयोध्याप्रसाद गोयलीय आदि खोजी विद्वानों की अनेक रचनाओं और लेखों के आधार पर दिये गये हैं हम उन सब विद्वानों के अत्यन्त आभारी हैं, जिनके लेखों और रचनाओं से इस पुस्तक के लिये सामग्री प्राप्त कीगई है। हम देशके प्रसिद्ध नेता और संसार के महान विद्वान श्रीमान् भूमिका लेखक महोदय के अहिंसा-प्रेम की प्रशंसा किये बिना नहीं रह सकते, जिन्होंने अनेक कार्यों में अधिक व्यस्त रहते हुए भी अपना अमूल्य समय लगा कर इस ग्रन्थ की खोजपूर्ण भूमिका लिखने का कष्ट उठाया है। ला० जिनेन्द्रदास बजाज, संस्थापक 'भद्राश्रम' ने अपने शास्त्र-. भण्डार को हमें सौंपकर, ला. उल्कतराय भक्त व ला० शिवप्रसाद चक्की वालों ने हस्तलिखित अनेक प्रामाणिक ग्रन्थों का स्वाध्याय कराकर, बा. मोतीलाल मुंसरिम व पं० ज्योतिस्वरूप ने समयसमय पर अपने शुभ विचारों से लाभ पहुँचा कर और M/s. Prestonjee P Pocha & Sons ने पाठकों की सहूलियत के लिये Book-marks प्रदान करके हमें अनुगत किया, इसलिये इन सब के भी हम विशेष आभारी हैं। __पं० काशीराम 'प्रफुल्लित', बा० श्यामसुन्दरलाल तथा ला० रघुनाथप्रसाद बंसल ने हमें इस पुस्तक की छपाई में हर प्रकार का पूर्ण सहयोग दिया है, फिर भी छपाई में कोई अशुद्धि रह गई हो
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