SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 17
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २८ गुल्मादि पर अग्निकुमार रस ... २९ गुल्मादि पर भैरवी रस ... ३० गुल्मादि पर लवणपंचक योग। ३१. ग्रहणीरोग पर अर्कादि योग ..... ३२ ग्रहणी रोग पर ग्रहणीकपाट रस ३३ ग्रहण्यादि पर कनकसुन्दर रस . ३४ ग्रहण्यादि पर रतिलीला रस ... ३५ ग्रहण्यादि पर रामबाण रस ... ३६ चिन्तामणि गुटिका ३७ जलोदर पर शूलगजांकुश रस ... ३८ जलोदरादि पर पंचाग्नि गुटिका ३९ जीर्णज्वर पर औदुम्बरादि योग ४० जीर्णज्वरादि पर घोड़ाचोली रस ४१ ज्वर पर लघुज्वरांकुश ... ४२ वरातिसारादि पर जयसंभव गुटिका ४३ ज्वरातीसार पर आनंदभैरव रस ४४ बरादि पर कलाधर रस ... ४५ ज्वरादि पर गजसिंह रस ... ४६ वरादि पर ज्वरकण्टक रस .... ४७ ज्वरादि पर ज्वरकुठार रस ... ४८ ज्वरादि पर ज्वरांकुश रस ... ४९, ज्वरादि पर प्रतापमार्तण्ड रस . ५० ज्वरादि पर प्राणेवर रस ... .. ५१ ज्वरादि पर प्राणेश्वर रस ... ५२ ज्वरादि पर महाज्वरांकुश रस ...... ५३ खरादि पर लघुज्वरांकुश ५४ ज्वरादि पर संजीवनी रस ...... ५५ द्राक्षादि क्वाथ , , ५६ द्वितीय इच्छाभेदी रस ५७ नववर पर करुणाकर रस ... .. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035294
Book TitleVaidyasara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSatyandhar Jain
PublisherJain Siddhant Bhavan
Publication Year1942
Total Pages132
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy