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________________ विशेष विवरण वह समय था जब कि यति लोगों के ढिलापन से उब कर समस्त साधु समुदायने इनका बहिष्कार कर अपना संबन्ध धनिष्ठ होते हुए भी विच्छेद कर दिया था । अतः साधुसमाजने यति लोगों के सफेद कपड़ों के विपरीत पीले कपडे धारण कर लिये थे । जिससे कि जनता को साधु और यति का पता चल जाय । पर यति लोगोंने इनसे चीटकर " पीलिया " शब्द से सम्बोधित करना आरम्भ कर दिया पर आप इससे घबराये नहीं । । : २७ : | बाली के चातुर्मास में यति लोगोंने आपको दबाने के लिये नाना प्रकार से कष्ट दिये । पर क्या चिकने घडे पर छांट लगती है ? आपने इनका डट कर मुकाबला किया । कई शास्त्रार्थ हुए। और इन शास्त्रार्थों का असर अब जनता पर पढने लगा । आपका सन्मान भी होने लगा और कई ग्रामों से चातुर्मास के निमंत्रण तक भी आने लगे । पर बाली के श्रावक तो आपके पूर्ण भक्त हो चूके थे, अतः आपको दूसरा चातुर्मास भी यहीं पर करना पडा । अब तो यति लोग भी धीरे धीरे शान्त होने लगे । अतः कई प्रमुख- समझदार यति तो आपके पास आने लगे | आपने भी विना किसी भेदभाव उनके साथ योग्य 1 Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035285
Book TitleTattvavetta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPukhraj Sharma
PublisherHit Satka Gyanmandir
Publication Year1954
Total Pages70
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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