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8888888888888888888 श्री हितविजय जैन ग्रन्थमाला पुष्प नं. १९
॥ ॐ नमः सिद्धं ॥
तत्त्ववेत्ता
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: लेखक शिक्षक पुखराज शर्मा
: संशोधक : मेवाडकेसरी श्रानाकाडातथिाद्धारक पूज्य गुरुदेव श्रीमद्विजय हिमाचलसूरीश्वरजी महाराज के शिष्यमुमुक्षु भव्यानन्दविजय "व्या. साहित्यरत्न"
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:प्रकाशक: श्री हित सत्क ज्ञानमंदिर
घाणेराव (मारवाड) वाया फालना वीर संवत २४८० प्रथमावृत्ति इस्वीसन् १९५४ विक्रम संवत् २०१० १००० हीरस्वर्ग सं. ३५८
मूल्य पठन-पाठन
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