________________
เอวเด้ออะไร
भूमिका । Here eASTRAMACHAR
सहृदय पाठक !
यो तो यह संसार है अनेक मनुष्य आकर इसमें जन्मधारण करते हैं और यथायोग्य अपने जीवनका निर्वाह कर चले जाते हैं परंतु जन्म उन्हीं मनुष्योंका उत्तम सार्थक एवं प्रशंसा. भाजन गिना जाता है जो निस्वार्थ और परहितार्थ हो । मनुष्योंकी निस्स्वार्थता और परहितार्थता उन्हें अजर अमर बना देती है। पूर्वकालमें जिन २ मनुष्यों की प्रवृत्ति निस्वार्थ और परहितार्थ रही है यद्यपि वे पुरुष इस समय नहीं हैं तथापि उनका नाम अब भी बड़े आदरसे लिया जाता है और जब तक संसारमें अंशमात्र भी गुणग्राहिता रहेगी बराबर उन महापुरुषोंका नाम स्थिर रहेगा।
___ यह जो मनोज्ञ ग्रंथ आपके हाथमें विराजमान है इसका नाम श्रेणिकचरित्र है। इस चरित्रके नायक प्रातःस्मरणीय महाराज श्रेणिक हैं । जैन जातिमें महाराज श्रेणिकका परम आदर है । जैनियोंका बच्चा२ महाराज श्रेणिक के गुणों से परिचित है और उनके गुणोंके स्मरणसे अपनी आत्माको पवित्र मानता है यहां तक कि जैनियों के बड़े २ आचार्योंका भी यह मत है कि यदि महाराज श्रेणिक इस भारतवर्षमें जन्म न लेते तो इस
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com