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अशुद्धि गणाधर. महावीर कर्मरूपी वेष्ठित राज्यये
घोड़ा
वरैका धरमें स्तमरूषी. समझिली उतम श्रेणिक लाता हूं पके हुवे श्रेणिको मिश्चित उयाय
शुद्धि अशुद्धि पत्र ।
शुद्धि गणधर महावीर कर्मरूपी वेष्टित राज्यमें घोड़ा वैरकाः घरमें स्तनरूपी समक्षली उत्तमः उपश्रेणिक लाता है पके हुवे ऑणिकको
ver
मिश्रित
तरंग
उपाय तरंग श्रेणिकको
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उपश्रेणिको
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