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________________ aaaaaaaaaaaaaaaaa..... एवं सींग पर गिरते ही राता हुवा वह बालक शीघू मरगया । नगर निवासियोंको बालककी इसप्रकार मृत्यु का पता लगा । वे दौडते २ शीघ ही सोमशर्माके यहां आये । विना विचारे सवोंने बालकको मृत्युका दोष विचारे बैल के मत्थे पर ही मडदिया । जो बैलको घास आदि खिला कर नगर निवासी उसका पालन पोषण करते थे सो भी छोड़ दिया और मारपीट कर उसे नगरसे वाहिर भगादिया जिससे वह बैल बड़ा खिन्न हुआ विलकल लट गया। तथा किसीसमय अतिशय दुःखी हो वह ऐसा विचार करने लगा । ___हाय !!! इन स्त्रियोंके चरित्र बड़े विचित्र हैं । बड़े २ देव भी जब इनका पता नहिं लगा सकते तो मनुष्य उनके चरित्रका पता लगालें यह बात अति कठिन है । ये दुष्ट स्त्रियां निकृष्ट काम कर भी चट मुकर जाती हैं । और मनुष्यों पर ऐसा असर डाल देती है मानो हमने कुछ किया ही नहीं ये मायाचारिणी महापापिनी हैं । दूसरों द्वारा कुछ और ही कहवाती हैं और स्वयं कुछ औरही कहती है। ये कटाक्षपात किसी और पर फेंकती है इशारे किसी अन्यकी ओर. करती हैं और आलिंगन किसी दूसरेसे ही करती हैं । तथा वस्तु का वायदातों इनका किसी दूसरेके साथ होता है और दे किसी दूसरे को बैठती हैं । कबियोंने जो इन्है अबला कह कर पुकारा है सो ये नामसे ही अबला ( शक्तिहीन ) है काम Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035265
Book TitleShrenik Charitra Bhasha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGajadhar Nyayashastri
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1914
Total Pages402
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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