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दिगंबरजैनबंधमाला सं. ३१
॥श्री परमात्मने नमः ॥ 36४ श्रेणिकचरित्र भाषा।
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जिसको श्रीयुत पं. गजाधरलाल न्यायशास्त्रीने संस्कृतसे
अनुवाद किया
और
मूलचंद किसनदास कापड़ियाने
छपाकर प्रकाशित किया।
वीरनिर्वाण सं. २४४१] सूरत. . [ईस्वी सन् १९१४
प्रथमावृत्ति
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