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विषय-प्रवेश
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जब हरा-भरा सघन छाया युक्त होता है और उस
- पर फल फूल होते हैं, तब वह बड़ा ही मनोहर रम्य तथा सुन्दर दिखाई देता है एवं देखने वाले को आह्लादित करता है। किन्त वृक्ष के ऐसा होने का कारण उसके मूल का हरा-भरा होना ही है। वृक्ष के मूल का जब तक सिंचन होता रहता है और उसको पोषक द्रव्य की प्राप्ति होती रहती है, तभी तक वृक्ष की मनोहरता और रम्यता भी बनी रहती है।
जिस प्रकार वृक्ष की मनोहरता और रम्यता का कारण उसका मूल है, उसी प्रकार आत्मा को परम सुख एवं मोक्ष की प्राप्ति का कारण सम्यक ज्ञान, दर्शन तथा चारित्र युक्त त्याग मय जीवन है। ऐसा जीवन दो तरह का होता है। जिनमें से एक है साधुता
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