________________
पंक्ति
mana
هه
शुद्धि-पत्रक अशुद्ध
शुद यातुयाम
चातुयाम १७
'निर्माणमासन्न' इत्यादि पाठ कल्पसूत्र की टीका का है। कल्पसूत्र का पाठ इस प्रकार है:-"उप्पिं संमेय सिहरंसि'
पृ० २०८, प्रा. ७ इत्क्षीण
इत्थीणं प्राचन
प्राचीन सार?
सोरट्ठ शास्त्रय
शास्त्रीय ग्रन्थां
ग्रन्थों घुद्ध राजा
राजात्रों स्म रण
स्मरण ऋणदान
ऋणदाम विम्तारो
विस्तारो बृदहन्नीति
बृहदहनीति तापतः
तापितः
दुष्टस्य बना
बिना वव्यवस्था बर्णव्यवस्था सिद्धर्ण वए च
एव च तवो विससो तवों विसेसा नाराणाम् नराणाम् जन्मान्तर
जन्मान्तर Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com
RE::::
م سه ال
م
:
م
م
दृष्टय
و
:
م
सिद्ध
:
و
م
و
له سه