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________________ ( १७ ) करके बालकों को निषेध किया जाता है, तो उसकी तरफ़ उसकी चित्तवृत्ति अधिक प्रेरित होती है । इसलिए ऐसी चीजों का सर्वथा अदृश्य होना, यही अधिक लाभदायक होता है । मैं यह मानता हूँ कि 'सिनेमा' यह किसी भी कार्य-प्रचार के लिए एक बहुत अच्छा साधन है और उस साधन का उपयोग अपने जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए यदि सरकार करना अथवा कराना चाहे, तो वह कर सकती है। किन्तु वर्तमान समय में 'सिनेमा' द्वारा जो प्रचार हो रहा है, वह हमारी बहू-बेटियों हमारे बालकयुवकों तथा शुद्ध गृहस्थाश्रम को पतित बनाने के अतिरिक्त और किस बात में उपयोगी हो रहा है ? ___ इसी प्रकार शृंगार से भरे हुए उपन्यास आदि वीभत्स पुस्तकें, चित्र, विज्ञापन आदि पर भी सरकार को सख्त निषेधात्मक आज्ञाएँ प्रचलित करनी चाहिएँ । एक ओर से हमारे बालकों और युवकों का जीवन स्तर ऊपर उठाने की हम बाते करें, और दूसरी ओर से चरित्र के पतन करने वाले साधनों का प्रचार करें यह 'वदतोव्याघात' नहीं तो और क्या है? ____जो गृहस्थ पैसा पैदा करने के लिए भारतीय संस्कृति से विरुद्ध ऐसा व्यभिचार प्रचारक धंधा करते हैं Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035259
Book TitleShikshan Aur Charitra Nirman
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyavijay
PublisherVijaydharmsuri Granthmala
Publication Year1951
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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