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________________ ११८ :: :: शेष विद्या प्रकाश राता महावीरजी स्तवन पावापुरी के वासी तुजको क्रोड़ों प्रणाम तुजको क्रोड़ों प्रणाम बीजापुर से अधकोस ऊपर हस्तुतुडी है अति सुदर राता महावीर नाम तुजको कोड़ प्रणाम ! सिद्धारथ कूल दीपक जाणो त्रिशला राणी के लाडला मानो वर्धमान गुण नाम तुजने कोड़ो प्रणाम । नंदीवर्धन के बांधव हो यशोदा के कंत तुम्ही हो। क्षत्रीय कुड शिरताज तुजने कोड प्रणाम । मूर्ति यह है इंदर की प्यारी, हिंगाक्षी की शोभा न्यारी शिला-लेख अजमेर तुजको कोड़ प्रणाम । झाडी जंगल पर्वत सोहे दर्शन से तो मनहु मोहे ___ सनमुख है हनुमान तुजने कोड प्रणाम चैत्र सुदी दशमी दिन जाणो मेलानो है मोरो ठाणो आवे जैन अजैन जिनने कोड़ो प्रणाम । धर्म सूरि के पुण्य प्रभावे विद्या विजय मुरु मन भावे शिवपुरी के मण्डल तुजको क्रोडो प्रणाम । बाणु शाले भाद्रव मासे बाली नगरे को दश दिवसे सत्तावत गुण गाय तुजने क्रोड़ो प्रणाम । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035257
Book TitleShesh Vidya Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnanandvijay
PublisherMarudhar Balika Vidyapith
Publication Year1970
Total Pages166
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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