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ध० है वहांसे को ० २ कठगोला है ध० । मं० । भ० का है वहां से कासमबजार को ० ५ है ध० । मं० । भ० का है वहांसे पौछा श्रावना । ॥ अजीमगंजसे रेलपै बैठकर नलहटो आनके दूसरौ रेल पर भागलपुर जाना। मौ० १४७ मा० १॥ ८ ॥
५ भागलपुर ष्टेशन उतरना पासमें ध० मं० भ० का है बजार पास है १ – ५ इस मन्दिरजोके उतरके कोने में कसौवटौ स्याम पाषान के दोहरे चरनकी स्थापना है वह चरन प्राचौन खास मौथलाजौ तौर्थकेहै कारणसे यहां स्थापना भई है उस तौर्थ के भाव से पूजा दर्शन करना चाहिये यहांसे को० २ खुसकौ रस्ते सड़क है सवारो सव जाय है । २–५ चंपापुरौ नगरौ तीर्थ है सहर नाथनगर में ध० मं० १२ में भ० काहै यहां कल्या० ५ च० ज० दि० ज्ञा० मो० भये हैं १ मं० में पांचों कल्याणक के चरणोंकी स्थापना है ध० के पास में चम्पानाला वहताहै पौछे ष्टेशन पर आयके लक्खीसराय जाना । ६१ मा० ॥
६ लक्वौसराय जंक्शन ष्टेशन उतरना बजार में ध० है यहांसे दो लेन रेलकोहै कार्डलैनकौ रेलपर मननपुर जाना मौ०८ मा० ॥
७ मननपुर ष्टेशन उतरना ग्राम है सवारी बैलगाड़ी की मौले है खुसकौ रस्ते को ० ३ जाना ।
१-७ काकंदीनगरौ तीर्थ है ग्राममें जिनिस मिले है ध० । मं० ८ में भ० काहै कल्या० ४ च० ज० दि० ना० भयेहै यहांसे खुसकौ रस्ते लकुवाडगांव जाना बैल गाड़ी पर ।
२–७ लछुवाड़ग्राम को० ७ है ध० । मं० । भ० का है जिनिस मिलती है पहाड़ पर डोलौ जायहै तलैटौ तक बैलगाड़ी। वहां ये चैत्रौ कुण्ड नगर तौर्थ को ० १ पहाड़ परहे चडाही को० १ कौ
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