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________________ 2 सपाङ्गीय नोट LARITAMARHATTERIRANI सम्राट जार्ज का राज्याभिषेक सरकारी खरीतों में भी हुआ । इस लड़ाई के बाद ग्राम १२ मई को लन्दन में सम्राट जार्ज का राज्याभिषे- फिर बीमार होकर वापस आ गये। किन्तु अच्छे हो जाने . कोत्सव बड़े धूमधाम के साथ हो गया। इस अवसर पर पर हवाई सेना में भर्ती हो गये और सन् १९१८ के - लन्दन में साम्राज्यान्तर्गत देशों के प्रतिनिधियों के सिवा प्रारम्भ में कैनवेल के हवाई स्टेशन में नियुक्त हुए । संसार के भिन्न भिन्न देशों के राज-प्रतिनिधि भी एकत्र कुछ ही मास में आपने हवाई जहाज़ का संचालन सीख हए थे। इस महोत्सव के सिलसिले में ब्रिटिश साम्राज्य के लिया और उसी वर्ष अक्टूबर में आप हवाई बेड़े के साथ वैभव और सामर्थ्य का जो विराट प्रदर्शन हुअा था वह युद्ध क्षेत्र में भेज दिये गये। सन् १९१९ में श्राप हवाई वास्तव में असाधारण था। विभाग में स्क्वाडरन-लीडर नियुक्त हुए और उसके दूसरे ___ सम्राट छठे जार्ज का पूरा नाम एलबर्ट फ्रेडरिक वर्ष विंग-कमान्डर बना दिये गये । बाद को आपने जलआर्थर जार्ज है । आप स्वर्गीय सम्राट जार्ज (पंचम) और सेना और हवाई सेना दोनों से त्यागपः दे दिया और राजमाता मेरी के द्वितीय पुत्र हैं। आपका जन्म १४ शान्तिमय नागरिक जीवन व्यतीत करने लगे। दिसम्बर सन् १८९५ का हश्रा था। श्राप इस समय ४१ इसके बाद श्रापके पिता ने श्रापको कैम्ब्रिज-विश्ववर्ष के हैं । बचपन में श्रापका नाम प्रिंस एलबर्ट था। विद्यालय के ट्रिनिटी कालेज में अध्ययन के लिए भेजा। १३ वर्ष की आयु तक आप राजमहल में शिक्षा पाते रहे। कालेज में आपने कोई डिग्री पाने के लिए बाकायदा इसके बाद आप श्रासबार्न के जहाज़ी शिक्षा के कालेज में अध्ययन नहीं किया, किन्तु श्राप स्वतन्त्र रूप से इतिहास, भर्ती हुए। आप यहाँ दो वर्ष तक रहे। फिर दो वर्ष अर्थ-शास्त्र और भौतिक विज्ञान का विशेष अध्ययन तक डार्टमाउथ में रहे । इन कालेजों में आपको साधारण करते रहे । शिक्षा के अतिरिक्त भौतिक विज्ञान, विद्युत् विज्ञान, २३ जून सन् १९२० में सम्राट के जन्म-दिवस के इंजीनियरी, जहाज़-संचालन तथा जल-सेना के इतिहास अवसर पर श्रापको ड्यूक अाफ़ यार्क का पद प्राप्त का अध्ययन करना पड़ता था। १७ वर्ष की आयु होने हुआ और उसी वर्ष अापने लार्ड-सभा में स्थान ग्रहण पर सन् १९१२ में आप कम्बरलैण्ड जहाज़ पर व्यावहारिक किया। आपको औद्योगिक प्रश्नों से विशेष दिलचस्पी है शिक्षा प्राप्त करने के लिए भेजे गये। तब श्राप कालिंगवुड और आपने छोटे तथा बड़े, उच्च और निम्न वर्गों को एकजहाज़ पर मिडशिपमैन बना कर भेजे गये। वहाँ अपने दूसरे के अधिक निकट लाने का प्रशंसनीय प्रयत्न किया है। अन्य साथियों के समान ही आपको भी अत्यन्त परिश्रमपूर्ण श्राप भी समय समय पर अन्य देशों के महान् अवसरों और सादगी का जीवन बिताना पड़ता था। पर ब्रिटेन के राज परिवार की ओर से सम्मिलित होते रहे ___ इसी समय योरप में महायुद्ध छिड़ा और आप भी हैं । सन् १९२२ में श्राप यूगोस्लेविया के बादशाह और जहाज़ी सैनिक को हैसियत से उसमें भेजे गये । महायुद्ध रूमानिया के बादशाह की द्वितीय पुत्री के विवाह में सम्मिमें भाग लेते समय आप बीमार हुए और आपको छुट्टी. लित हुए थे। उसी वर्ष रूमानिया के नये बादशाह के लेकर स्वदेश लौटना पड़ा । जेटलेंड की महत्त्वपूर्ण राज्याभिषेक के अवसर पर आप अपने पिता के बदले समुद्री लड़ाई के पहले आप पूर्ण स्वस्थ होकर फिर अपने उपस्थित हुए थे। इन दोनों ही अवसरों पर उपस्थित काम पर पहुँच गये और आपने उस युद्ध में ऐसे धैर्य और व्यक्तियों पर श्राप के व्यक्तित्व और व्यवहार का बड़ा वीरता से भाग लिया कि आपका उल्लेख युद्ध-सम्बन्धी अच्छा प्रभाव पड़ा था। ६१८ Stree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035249
Book TitleSaraswati 1937 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevidutta Shukla, Shreenath Sinh
PublisherIndian Press Limited
Publication Year1937
Total Pages640
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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