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________________ ( १९८ ) सामने खोला जायगा। उस समय जो सज्जन चाहें स्वयं आवश्यक सूचनायें उपस्थित होकर उसे देख सकते हैं। (१) स्थानीय प्रतियोगियों की सुविधा के लिए हमने (४) इस प्रतियोगिता में भाग लेनेवाले बहुत-सी ऐसी प्रवेश शुल्क-पत्र छाप दिये हैं जो हमारे कार्यालय से नकद भूलें कर देते हैं जिन्हें वे नियमों को ध्यान से देखें तो दाम देकर खरीदा जा सकता है। उस पत्र पर अपना नाम नहीं कर सकते । बैरँग चिट्ठियाँ नहीं ली जायँगी और ।। स्वयं लिख कर पूर्ति के साथ नत्थी करना चाहिए। के मनिबार्डर या प्रवेश-शुल्क-पत्र के बजाय जो इसी मूल्य (२) स्थानीय पूर्तियाँ सरस्वती-प्रतियोगिता-बक्स में के डाकघर के टिकट भेजेंगे उनके उत्तर पर भी विचार न जो कार्यालय के सामने रक्खा गया है, १० और पाँच के होगा । एक वर्ग-पूर्ति भेज चुकने पर उसका संशोधन दूसरे लिफ़ाफ़ में भेजना टिकट का अपव्यय करना होगा क्योंकि बीच में डाली जा सकती हैं। उन पर भी विचार न होगा। छोटे कूपन, या कूपन की नकल (३) वर्ग नम्बर ७ का नतीजा जो बन्द लिफ़ाफ़े में मुहर पर भेजी गई वर्ग-पूर्तियों पर भी विचार न होगा। इस लगा कर रख दिया गया है ता० २५ फ़रवरी सन् १९३७ को सम्बन्ध में हमें जो कुछ कहना होगा हम इन्हीं पृष्ठों में सरस्वती-सम्पादकीय विभाग में ११ बजे सर्वसाधारण के लिखेंगे । पत्रों का हम पृथक से कोई उत्तर न देंगे। दू REET PERS 218 मूल्य संक्षिप्त हिंदी-शब्दसागर मंतिम माया CENT जो लोग शब्दसागर जैसा सुविस्तृत और बहुमूल्य ग्रन्थ खरीदने में असमर्थ हैं, उनकी सुविधा के लिए उसका यह संक्षिप्त संस्करण है। इसमें शब्दसागर की प्रायः सभी महत्त्वपूर्ण विशेषतायें सुरक्षित रखने की चेष्टा की गई है। मूल्य ४) चार रुपये। हिन्दी-शब्दसr Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035249
Book TitleSaraswati 1937 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevidutta Shukla, Shreenath Sinh
PublisherIndian Press Limited
Publication Year1937
Total Pages640
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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