________________
संख्या २]
सुदामापुरी का कलाकार
संदेश यह चित्र प्रिन्स ऑफ़ वेल्स म्यूजियम (बम्बई) ने खरीद लिया है । यह विलायत में भी भेजा गया था, वहाँ
इसकी बड़ी प्रशंसा हुई थी। की चित्रकला पर तो मैं बलि जाता हूँ। ऐसा प्रतीत नहीं हुआ है, बरन लोक-जीवन के प्रत्येक पहलू को होता है कि बन्धन-मुक्त साधु-सन्तों की तरह अनेक अंकित करने का उन कलाकार अवधूतों ने ध्यान रक्खा है। कलाकार युग-चित्र बनाने का निश्चय करके वहाँ जा बैठे एक छात्र ने पुनः प्रश्न किया—'अजन्ता का थे। उन चित्रों में लोक-जीवन की बातों का विस्मरण वातावरण आपको कैसा प्रतीत हुआ ?”