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________________ विषयसूची । विषय नं० ७-९ ९-१० १ - दक्षिण भारत के जैन धर्मका इतिहास २- मध्यकालीन खंड- पलव और कदंब राजवंश... पल्ला उत्पत्ति, राजनैतिक परिस्थिति, महेन्द्रवर्मन नसांग, कांचीमें जैन धर्म, पल्लव राजा पल्लव कला, कला, पांड्यराज ... चोलराजा, कदंब राजवंश, मयूरशर्मा कंशुवर्मा, काकुस्थवर्मा, शांतिवर्मा मृगेशवर्मा, रविवर्मा, हरिवर्मा ११-१५ १६-१९ २०-२१ २१-२२ २३-२५ ... करंबवंश पतन, शासन प्रणाली, कदंब राजा जैन सम्प्रदाय, दि० जैन यापनीय संघ, संघकी स्थिति ३१-३२ इतर सम्प्रदाय, तत्कालीन जैन धर्म 3- गंग राजवंश ... ... ... ... Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat ... ... ... ... कोदेशके राजा, सिंहनंद्य चार्य, कोगुणवमे किरिय माधव, हरिवर्मा, विष्णुगोप, अविनीत दुर्विनीत, मुष्कर, श्रीविक्रम... भूविक्रम, शिवमार, श्री पुरुष राठौर से युद्ध, शिवमार, मारसिंह दिदिग, पृथिवीपति, राजमल्ल नीतिमार्ग, द्वि० राजमल्ल, युवराज बुटुग.... द्वि० नीतिमार्ग, तृ० राजमल्ल, द्वि० मारसिंह चामुण्डराय, रक्कसगंग, गंगराजा दि० जैनाचार्य, पात्र केशरी, पूज्यपाद देवनन्दी, धर्म संकट, अजितसेनाचार्य... मल्लिषेणाचार्य, जैनागार, अप्रहार, जैनमत कनडी साहित्य, महाकवि पम्प, महाकवि पोन्न महाकवि रत्न, आचारविचार, शिल्पकला... जैन मंदिर, जैन स्तम्भ, वीरकल, बेह, गोमटमूर्ति ... ... ... ... ... ... ... ... ... ... ... ... ३७-४० ४१-४३ ४४-४७ ४८-४९ ५१-५७ ५८-५९ ६२-६४ ६५-६० ७२-८६ ९९-१०१ ११३-११६ ११७-१२१ १२३-१२५ १२६-१२९ १३८ - १३९ www.umaragyanbhandar.com ... ... ... ... ... ... ... ... ... ... ... ... 100 ... ... ... पृष्ठ ૧ ६ ... ૩૪ ३६
SR No.035246
Book TitleSankshipta Jain Itihas Part 03 Khand 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1938
Total Pages192
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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