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| सौ. सविताबाई सारक।
प्रन्थमाला नं० २.
JIII
स्वर्गीय
लगाकTITIT सौ. श्रीमती सविताबाई कापड़िया, धर्मपत्रां, भी० मूलचंद किसनदासजी कापड़िया-सूरत ।
जन्म-सं० १९६४. स्वर्गवास-सं० १९८६.
आपके स्मारकमें २०००) स्थायी शास्त्रानके लिये निकाले गये हैं जिनमेसे
"ऐतिहासिक स्त्रियां" नामक प्रथम ग्रन्थ । गत वर्षमे प्रकट करके "दिगम्बर जैन" वि"जैन महिलादर्श" के ग्राहकों को भेट
स्वरूप बांटा गया था और इस स्मारक | ग्रन्यमालाका यह दूपरा पुष्प " दिगम्बर ।
न" के २५ वर्षके ग्राहकों को भेटमें दिया जाता है। भाशा है कि ऐसे स्थायी सावरानका अनुकरण मन्य श्रीमान व श्रीमती भी करेंगे।
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