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________________ मौर्य-साम्राज्य। [ २९९ मौर्योके सेनापतिने बृहद्रथ मौर्यकी हत्या करके मगधर्म अपना राज्य जमा लिया। इसका वंश 'शुङ्गवंश के नामसे शुङ्ग वंश। - प्रसिद्ध हुमा। कहते हैं कि इस वंशका राज्य ११२ वर्ष तक रहा। पुष्पमित्रके समयमें यूनानी राना मैनेन्डरने भारतपर माक्रमण किया, परन्तु उसे पीछे लौट जाना पड़ा था।' नैन सम्राट् खारवेलने पुष्पमित्र पर आक्रमण किया था, जिसके कारण पुष्पमित्रको मगध छोड़कर मथुरा भाग जाना पड़ा था। नैन धर्मके प्रभावक मौर्य रानवंशका असमयमें ही पन्त करनेवाले राजद्रोही व्यक्तिको एक नैन राना मानन्दसे कैसे रहने देता ! पुङ्गवंशके बाद सन् ७३ ई० पृ०में वसुदेव काण्वसे काण्ववंश' का जन्म हुमा था। काण्ववंशके मन्तिम राजाको सन् २.ई.. पृ.के लगभग एक मान्ध्रवंशीय रानाने मार डाला था। मञ्चोककी मुत्यु के बाद ही मात्र राज्य स्वाधीन होगया था और इस समय उसका विस्तार बहुत क्दगया था। किन्तु उत्तरी भारतमें वह मषिक दिन तक न टिक सके। यूनानी और सिथियन शासकोंने उन्हें जीव निकाल बाहर कर दिया था। बाद. ..१२-चा. . .. -माह. ... Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat ___www.umaragyanbhandar.com
SR No.035243
Book TitleSankshipta Jain Itihas Part 02 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1932
Total Pages322
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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