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शुद्धयशुद्धिपत्र ।
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१४
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पड पंकि अशुद्ध
पहला खण्ड (६००-१८८ ई.पूर्व) सक्षद्राए इ.
सक्षटाए इ. ५ १७ उपदेशका
उस देशका.
इन , २२ इत्यादि
इत्यादि असन्ती
अवन्ती अस्सके
अस्सक कारमहकल
कारमाइकिल १०१८
१९१८ २२ शताब्दिक
शतानीक प्रसेनजी
प्रसेनजीत धवं
संबंध मज्झिम० स०
मज्झिम.
७०२ १५ १४ २११-११
૨૧ પૃ. ૨૧
पाटलि स्वप्नवासदत्ता
स्वप्रवासवदत्ता - २३ ३-अहिह.
३-ऑहिह. ३१ २१ रखनेवाली थी रखनेवाले थे। ३२ २०
थी। १३ १ संस्था
संख्या भभ.
भम. ५ परिधि में फैला बतलाया परिधिमें फैला बतलाता १८ कोग्लाग
कोल्लाग द्वादशाक
द्वादशाक Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
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पाटील
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थी।
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