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________________ श्री वासुपूज्य स्वामी जैन मन्दिर का संक्षिप्त परिचय सहयोग दिलवाया। इधर संघ जमीन क्रय करने का प्रयास कर रहा था, संयोग नहीं बैठा । पूज्य श्री की असीम कृपा व दिव्य आशीर्वाद से अगस्त, 1997 में विशाल भूखण्ड को संघ ने क्रय किया। इसी भूखण्ड पर निर्माण योजनाओं का प्रारूप तैयार किया जा रहा है। सम्भवतः चार्तुमास (1998) के पश्चात् शिलान्यास महोत्सव सम्पन्न होगा। इस हेतु संघ, जैनाचार्य श्री नित्यानन्द सूरीश्वरजी म. सा. (कुचेरा - नागौर) से, पावन - निश्रा प्रदान करने के लिये सम्पर्क बनाये हुए हैं। हम आभारी हैं, कृतज्ञ हैं कई मन्दिरों के निर्माण सहयोगीसमाजरत्न स्व. श्रीमान् शंकरलालजी मुणोत (ब्यावर), स्व. श्री डी. एस. भण्डारी भू.पू. अध्यक्ष श्री विर्लेपारले श्वेताम्बर मू.पू. जैन संघ (मुम्बई) का..... जिन्होंने जीवन पर्यन्त नूतन मन्दिर निर्माण में समर्पित सहयोग प्रदान किया। आपका सहयोग सदैव ही स्मरणीय रहेगा। अजमेर 15 जुलाई, 1998 11 आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि आध्यात्मिक नगरी अजमेर का यह जैन लघुतीर्थ प्रभु भक्तों के लिये महान् कल्याणकारी धर्म स्थल बनेगा..... हजारों भव्यात्माओं के लिये तारणहार बनेगा । - Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat - जी. आर. भण्डारी संयोजक श्री वासुपूज्य स्वामी जैन श्वेताम्बर मन्दिर, अजमेर www.umaragyanbhandar.com
SR No.035236
Book TitleSammetshikhar Vivad Kyo aur Kaisa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanraj Bhandari
PublisherVasupujya Swami Jain Shwetambar Mandir
Publication Year1998
Total Pages140
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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