________________
क्योंकि दक्षिण में इस प्रक्षांश पर पृथ्वी की परिधि केवल १०७०० मोल की ही है, और कहीं मोड़ लिए बिना उसी जगह पर आजाने की बात वैज्ञानिक करते हैं इसके अनुसार वे वहीं के वहीं वापस क्यों नहीं पा सके ? उन्हें चार वर्ष बाद भी थक कर वापस लौटना पड़ा;
ऐसा क्यों हुमा ? तथा दक्षिण के इस भाग की परिधि १०७०० मील की किस प्रकार हुई ? ४०००० मील तक तो वे चले तब भी अन्त नहीं पाया और थक कर वापस लौट आये, तब वस्तुतः पृथ्वी का दक्षिण को प्रोर का भाग बहुत चौड़ा
है यह मानना पड़ेगा। ११-यदि पृथ्वी गोल हो, तो
कर्क रेखा ( विषुववृत्त से २३ । अंश उत्तर में ) का एक अंश=४० मोल का माना जाता है. जब कि मकर रेखा (विषुववृत्त से २३।। अश दक्षिण में ) का एक अंश प्रयः ७५ मोल का होता है और जैसे २ दक्षिण की पोर जाते हैं जैसे ही वह चौड़ा होता जाता है। दक्षिण की ओर एक अंश=१०३ मोल तक का गिनती से बतलाया है।
ऐसा कैसे हो सकता है ? १२-यदि पृथ्थो गोल हो, तो
उत्तर ध्रुव के साहसी यात्रियों के प्रवास वरण के अनुसार
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com